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पुनर्चक्रण अर्थव्यस्था से 5-7 सालों में 1.4 करोड़ रोजगार के सृजन की संभावना: कांत

पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था से आशय ऐसी प्रणाली से है, जिसमें कचरे को बर्बाद करने के बजाय नए उत्पादों और इस्तेमाल की वस्तुओं को बनाने में उसका उपयोग तथा उसका इस्तेमाल किया जाता है.

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Published : Jun 17, 2019, 10:15 PM IST

पुनर्चक्रण अर्थव्यस्था से 5-7 सालों में 1.4 करोड़ रोजगार के सृजन की संभावना: कांत

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि संसाधनों के यथासंभव अधिकतम उपयोग यानी पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था में अगले पांच से सात वर्षो में 1.4 करोड़ नौकरियां सृजित होने तथा लाखों नए उद्यमियों के तैयार करने की क्षमता है.

उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि पुनर्चक्रण (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था को लागू करने के लिए सतत विकास और संसाधनों का यथासंभव अधिकतम उपयोग करना समय की मांग है.

पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था से आशय ऐसी प्रणाली से है, जिसमें कचरे को बर्बाद करने के बजाय नए उत्पादों और इस्तेमाल की वस्तुओं को बनाने में उसका उपयोग तथा उसका इस्तेमाल किया जाता है.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में 2018-19 में फसल उत्पादन में आठ प्रतिशत गिरावट का अनुमान: समीक्षा

कांत ने कहा कि वर्ष 2050 तक, दुनिया की आबादी 9.7 अरब तक पहुंच जाएगी, जिसमें से तीन अरब लोग, मध्यम वर्ग के उपभोग स्तर तक पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति 71 प्रतिशत अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी और इस प्रकार कुल खनिज और सामग्री की मांग वर्ष 2014 के 50 अरब टन से बढ़कर वर्ष 2050 में 130 अरब टन हो जाएगी.

कांत ने पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय एजेंडे के रूप में विकसित करने तथा जागरूकता फैलाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि संसाधनों के यथासंभव अधिकतम उपयोग यानी पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था में अगले पांच से सात वर्षो में 1.4 करोड़ नौकरियां सृजित होने तथा लाखों नए उद्यमियों के तैयार करने की क्षमता है.

उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि पुनर्चक्रण (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था को लागू करने के लिए सतत विकास और संसाधनों का यथासंभव अधिकतम उपयोग करना समय की मांग है.

पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था से आशय ऐसी प्रणाली से है, जिसमें कचरे को बर्बाद करने के बजाय नए उत्पादों और इस्तेमाल की वस्तुओं को बनाने में उसका उपयोग तथा उसका इस्तेमाल किया जाता है.

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कांत ने कहा कि वर्ष 2050 तक, दुनिया की आबादी 9.7 अरब तक पहुंच जाएगी, जिसमें से तीन अरब लोग, मध्यम वर्ग के उपभोग स्तर तक पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति 71 प्रतिशत अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी और इस प्रकार कुल खनिज और सामग्री की मांग वर्ष 2014 के 50 अरब टन से बढ़कर वर्ष 2050 में 130 अरब टन हो जाएगी.

कांत ने पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय एजेंडे के रूप में विकसित करने तथा जागरूकता फैलाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

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नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि संसाधनों के यथासंभव अधिकतम उपयोग यानी पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था में अगले पांच से सात वर्षो में 1.4 करोड़ नौकरियां सृजित होने तथा लाखों नए उद्यमियों के तैयार करने की क्षमता है.

उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि पुनर्चक्रण (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था को लागू करने के लिए सतत विकास और संसाधनों का यथासंभव अधिकतम उपयोग करना समय की मांग है.

पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था से आशय ऐसी प्रणाली से है, जिसमें कचरे को बर्बाद करने के बजाय नए उत्पादों और इस्तेमाल की वस्तुओं को बनाने में उसका उपयोग तथा उसका इस्तेमाल किया जाता है.

कांत ने कहा कि वर्ष 2050 तक, दुनिया की आबादी 9.7 अरब तक पहुंच जाएगी, जिसमें से तीन अरब लोग, मध्यम वर्ग के उपभोग स्तर तक पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति 71 प्रतिशत अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी और इस प्रकार कुल खनिज और सामग्री की मांग वर्ष 2014 के 50 अरब टन से बढ़कर वर्ष 2050 में 130 अरब टन हो जाएगी.

कांत ने पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय एजेंडे के रूप में विकसित करने तथा जागरूकता फैलाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

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