नई दिल्ली: केंद्र ने पीएम-किसान योजना के त्वरित क्रियान्वयन के लिए सोमवार को राज्यों से लाभार्थी किसानों के नाम जल्द-से-जल्द भेजने को कहा. करीब 87,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का लक्ष्य किसानों की आय में वृद्धि करना है.
केंद्र ने फरवरी में अंतरिम बजट के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की घोषणा की थी. इसके तहत उसने देश के 14.5 करोड़ किसानों को तीन बराबर किस्तों में सालाना 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
राज्यों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "हमने पीएम-किसान योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 87,000 करोड़ रुपये किसानों की जेब में जाएंगे."
ये भी पढ़ें: विदेशों में सरकारी बांड जारी करने पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा रिजर्व बैंक: दास
उन्होंने इस कार्यक्रम को तेजी से लागू करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, "इस योजना का फायदा हर पात्र किसान को मिले, इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्यों की है. बजट में इसके लिए राशि आबंटित की गयी है और यह किसानों के बैंक खातों में हस्तानांतरित किये जाने के लिए तैयार है."
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि पांच जुलाई तक 3.56 करोड़ किसानों को पहली किस्त के तौर पर 7,120 करोड़ रुपये जबकि 3.10 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त के रूप में 6,215 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. अधिकारियों ने राज्यों से जुलाई के आखिर तक सभी लाभार्थी किसानों की सूची भेजने को कहा ताकि किसानों को अप्रैल-जुलाई की 2,000 रुपये की पहली किस्त उपलबध कराई जा सके.
अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल अब तक इस योजना से नहीं जुड़ा है. उन्होंने कहा कि केवल 43 प्रतिशत लाभार्थियों की ही सूची मिल सकी है. उसके अनुसार बिहार में अनुमान के मुताबिक 1.63 करोड़ पात्र लाभान्वित हैं लेकिन अब तक केवल 8.38 लाख किसानों के ही आंकड़े प्राप्त हुए हैं.
तोमर ने इससे पहले कहा कि किसानों, वैज्ञानिकों और सरकार के प्रयासों से देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि क्षेत्र कई चुनौतियों से गुजर रहा है और किसान अपनी अगली पीढ़ी को इस क्षेत्र में काम करने देने के इच्छुक नहीं हैं.