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बीते वित्त वर्ष में बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले सामने आए: आरबीआई - आरबीआई

आरबीआई ने अपने जवाब में बताया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान धोखाधड़ी के कुल 84,545 मामलों के बारे में बताया और इसमें शामिल राशि 1,85,772.42 करोड़ रुपये है.

बीते वित्त वर्ष में बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले सामने आए: आरबीआई
बीते वित्त वर्ष में बैंक धोखाधड़ी के 84,545 मामले सामने आए: आरबीआई
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Published : Jul 27, 2020, 10:38 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 10:11 AM IST

नागपुर: वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने धोखाधड़ी के 84,545 मामलों की जानकारी दी, जिनकी कुल राशि 1.85 लाख करोड़ रुपये थी. एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारतीय रिजर्व बैंक से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.

आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने कहा कि उन्होंने जून 2020 में आरबीआई के अधिकार क्षेत्र के तहत बैंकिंग से संबंधित विभिन्न सवाल पूछे थे, और उन्हें कुछ दिन पहले उनके जवाब मिले.

कोलारकर ने आरटीआई में पूछा था कि एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के दौरान धोखाधड़ी के कितने मामले सामने आए और इसमें कितनी राशि शामिल थी.

आरबीआई ने अपने जवाब में बताया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान धोखाधड़ी के कुल 84,545 मामलों के बारे में बताया और इसमें शामिल राशि 1,85,772.42 करोड़ रुपये है.

आरटीआई में यह भी पूछा गया कि बीते वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के 15 लोकपाल कार्यालयों को कितनी उपभोक्ता शिकायतें मिलीं. इसके जवाब में आरबीआई ने कहा कि एक जुलाई 2019 से मार्च 2020 के दौरान लगभग 2,14,480 शिकायतें मिलीं.

ये भी पढ़ें: राज्यों को मिला 1.65 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा; महाराष्ट्र, कर्नाटक शीर्ष लाभार्थी

केंद्रीय बैंक ने बताया कि एक अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 के बीच 56,493 शिकायतें मिलीं. आरबीआई ने बताया कि सबसे अधिक 63,259 शिकायतें एसबीआई की थीं. इसके बाद एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एक्सिस बैंक का स्थान था.

एक सवाल के जवाब में आरबीआई ने बताया कि 2019-2020 के दौरान 438 बैंक शाखाओं का उसी बैंक की किसी अन्य शाखा में विलय किया गया. इस दौरान कुल 194 शाखाओं को बंद किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

नागपुर: वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने धोखाधड़ी के 84,545 मामलों की जानकारी दी, जिनकी कुल राशि 1.85 लाख करोड़ रुपये थी. एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारतीय रिजर्व बैंक से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.

आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने कहा कि उन्होंने जून 2020 में आरबीआई के अधिकार क्षेत्र के तहत बैंकिंग से संबंधित विभिन्न सवाल पूछे थे, और उन्हें कुछ दिन पहले उनके जवाब मिले.

कोलारकर ने आरटीआई में पूछा था कि एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के दौरान धोखाधड़ी के कितने मामले सामने आए और इसमें कितनी राशि शामिल थी.

आरबीआई ने अपने जवाब में बताया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान धोखाधड़ी के कुल 84,545 मामलों के बारे में बताया और इसमें शामिल राशि 1,85,772.42 करोड़ रुपये है.

आरटीआई में यह भी पूछा गया कि बीते वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के 15 लोकपाल कार्यालयों को कितनी उपभोक्ता शिकायतें मिलीं. इसके जवाब में आरबीआई ने कहा कि एक जुलाई 2019 से मार्च 2020 के दौरान लगभग 2,14,480 शिकायतें मिलीं.

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केंद्रीय बैंक ने बताया कि एक अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 के बीच 56,493 शिकायतें मिलीं. आरबीआई ने बताया कि सबसे अधिक 63,259 शिकायतें एसबीआई की थीं. इसके बाद एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एक्सिस बैंक का स्थान था.

एक सवाल के जवाब में आरबीआई ने बताया कि 2019-2020 के दौरान 438 बैंक शाखाओं का उसी बैंक की किसी अन्य शाखा में विलय किया गया. इस दौरान कुल 194 शाखाओं को बंद किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 28, 2020, 10:11 AM IST
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