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टिकटॉक की तीन साल में एक अरब डॉलर के निवेश की योजना - एप्पल

बाइटडांस को दुनिया के सर्वाधिक मूल्यवाल स्टार्टअप में से एक माना जाता है. उससे साफ्टबैंक, जनरल एटलांटिक, केकेआर आदि जैसे निवेशक निदेशक मंडल में शामिल हैं. कंपनी हेलो और वीगो वीडियो जैसे मंच की भी पेशकश करती है.

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Published : Apr 19, 2019, 7:54 PM IST

नई दिल्ली : छोटे वीडियो बनाने में मददगार मोबाइल एप टिकटॉक की मूल कंपनी बाइट डांस ने कहा है कि वह भारत में अपने एप पर पाबंदी से परेशान नहीं है और यहां के भारतीय बाजार के प्रति उत्साह जताया है. चीन की इस कंपनी ने अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनायी है.

बाइटडांस को दुनिया के सर्वाधिक मूल्यवाल स्टार्टअप में से एक माना जाता है. उससे साफ्टबैंक, जनरल एटलांटिक, केकेआर आदि जैसे निवेशक निदेशक मंडल में शामिल हैं. कंपनी हेलो और वीगो वीडियो जैसे मंच की भी पेशकश करती है. बाइट डांस की निदेशक (अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक नीति) हेलेना लर्श्च ने कहा कि कंपनी पिछले कई महीनों से अपनी सामग्री नीति को सुदृढ़ बना रही है.

उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से मौजूदा गतिविधियों से दु:खी हैं लेकिन हमें मसले को सुलझाने की उम्मीद है. हम भारतीय उपयोगकर्ताओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं. कंपनी के रूप में हम अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर निवेश पर विचार कर रहे हैं."

कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएगी और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 1,000 करेगी. टिकटॉक एप अपने उपयोगकर्ताओं को छोटी अवधि का वीडियो बनाने और उसे साझा करने की सुविधा देता है. इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 12 करोड़ है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को टिकटॉक एप पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से यह पता चलता है कि इसमें ऐसे एप के जरिये अश्लील और अनुचित सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

इसके बाद गूगल और एपल ने टिकटॉक को अपने एप स्टोर से हटा दिया है, ताकि उसे डाउनलोड नहीं किया जा सके. लर्श्च ने अदालती कार्यवाही पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में तथा 24 अप्रैल को मद्रास उच्च न्यायालय में होगी.
ये भी पढ़ें : 2020 तक एक करोड़ व्यापारियों के बीच डिजिटल भुगतान स्वीकृति को बढ़ावा देने का लक्ष्य: मास्टरकार्ड

नई दिल्ली : छोटे वीडियो बनाने में मददगार मोबाइल एप टिकटॉक की मूल कंपनी बाइट डांस ने कहा है कि वह भारत में अपने एप पर पाबंदी से परेशान नहीं है और यहां के भारतीय बाजार के प्रति उत्साह जताया है. चीन की इस कंपनी ने अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनायी है.

बाइटडांस को दुनिया के सर्वाधिक मूल्यवाल स्टार्टअप में से एक माना जाता है. उससे साफ्टबैंक, जनरल एटलांटिक, केकेआर आदि जैसे निवेशक निदेशक मंडल में शामिल हैं. कंपनी हेलो और वीगो वीडियो जैसे मंच की भी पेशकश करती है. बाइट डांस की निदेशक (अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक नीति) हेलेना लर्श्च ने कहा कि कंपनी पिछले कई महीनों से अपनी सामग्री नीति को सुदृढ़ बना रही है.

उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से मौजूदा गतिविधियों से दु:खी हैं लेकिन हमें मसले को सुलझाने की उम्मीद है. हम भारतीय उपयोगकर्ताओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं. कंपनी के रूप में हम अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर निवेश पर विचार कर रहे हैं."

कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएगी और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 1,000 करेगी. टिकटॉक एप अपने उपयोगकर्ताओं को छोटी अवधि का वीडियो बनाने और उसे साझा करने की सुविधा देता है. इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 12 करोड़ है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को टिकटॉक एप पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से यह पता चलता है कि इसमें ऐसे एप के जरिये अश्लील और अनुचित सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

इसके बाद गूगल और एपल ने टिकटॉक को अपने एप स्टोर से हटा दिया है, ताकि उसे डाउनलोड नहीं किया जा सके. लर्श्च ने अदालती कार्यवाही पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में तथा 24 अप्रैल को मद्रास उच्च न्यायालय में होगी.
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नई दिल्ली : छोटे वीडियो बनाने में मददगार मोबाइल एप टिकटॉक की मूल कंपनी बाइट डांस ने कहा है कि वह भारत में अपने एप पर पाबंदी से परेशान नहीं है और यहां के भारतीय बाजार के प्रति उत्साह जताया है. चीन की इस कंपनी ने अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनायी है.

बाइटडांस को दुनिया के सर्वाधिक मूल्यवाल स्टार्टअप में से एक माना जाता है. उससे साफ्टबैंक, जनरल एटलांटिक, केकेआर आदि जैसे निवेशक निदेशक मंडल में शामिल हैं. कंपनी हेलो और वीगो वीडियो जैसे मंच की भी पेशकश करती है. बाइट डांस की निदेशक (अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक नीति) हेलेना लर्श्च ने कहा कि कंपनी पिछले कई महीनों से अपनी सामग्री नीति को सुदृढ़ बना रही है.

उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से मौजूदा गतिविधियों से दु:खी हैं लेकिन हमें मसले को सुलझाने की उम्मीद है. हम भारतीय उपयोगकर्ताओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं. कंपनी के रूप में हम अगले तीन साल में भारत में एक अरब डॉलर निवेश पर विचार कर रहे हैं."

कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएगी और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 1,000 करेगी. टिकटॉक एप अपने उपयोगकर्ताओं को छोटी अवधि का वीडियो बनाने और उसे साझा करने की सुविधा देता है. इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 12 करोड़ है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को टिकटॉक एप पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से यह पता चलता है कि इसमें ऐसे एप के जरिये अश्लील और अनुचित सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

इसके बाद गूगल और एपल ने टिकटॉक को अपने एप स्टोर से हटा दिया है, ताकि उसे डाउनलोड नहीं किया जा सके. लर्श्च ने अदालती कार्यवाही पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में तथा 24 अप्रैल को मद्रास उच्च न्यायालय में होगी.

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