नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सायरस मिस्त्री और उनकी कंपनी द्वारा दाखिल याचिका पर टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) और अन्य को शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इस याचिका में मिस्त्री और उनकी कंपनी ने अपने शेयर के अनुपात में टीएसपीएल बोर्ड में प्रतिनिधित्व पाने के लिए एनसीएलएटी के आदेश में खामियों को दूर करने का अनुरोध किया है.
शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को टाटा समूह को राहत देते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) के पिछले साल 18 दिसंबर के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसके तहत मिस्त्री के कार्यकारी अध्यक्ष के पद को बहाल किया गया था.
न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुक्रवार की सुनवाई में सायरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर भी नोटिस जारी किया और याचिका को टीएसपीएल के साथ जोड़ दिया.
याचिका में कहा गया है कि टीएसपीएल के बर्खास्त अध्यक्ष सायरस मिस्त्री ने अपने परिवार के 18.37 प्रतिशत शेयर के अनुपात में कंपनी में प्रतिनिधित्व देने का अनुरोध किया है.
ये भी पढ़ें: 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में बड़ा कदम: मोदी
अपनी याचिका में मिस्त्री ने टाटा संस में 18.37 प्रतिशत के शेयर की हिस्सेदारी के साथ टाटा के साथ समूह के संबंधों को 60 साल से ज्यादा की साझीदारी वाला संबंध बताया है. याचिका के मुताबिक, मिस्त्री समूह की कंपनी ने एनसीएलएटी के आदेश में मौजूद कई खामियों को दूर करने का अनुरोध किया है.
मिस्त्री ने 2012 में टाटा संस (टीएसपीएल) के अध्यक्ष के तौर पर रतन टाटा की जगह ली थी लेकिन चार साल बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. पीठ ने सायरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, मिस्त्री और अन्य को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद के लिए निर्धारित की.
(पीटीआई-भाषा)