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विवाद सुलझाने के पक्ष में हैं इंडिगो के प्रवर्तक, कई नई नीतियों को दी मंजूरी

इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल ने संबंधित पक्ष लेनदेन पर नई नीति को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. कंपनी के सह प्रवर्तकों के बीच कंपनी के संचालन के मुद्दे पर जारी विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है.

विवाद सुलझाने के पक्ष में हैं इंडिगो के प्रवर्तक, कई नई नीतियों को दी मंजूरी
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Published : Jul 24, 2019, 7:00 PM IST

नई दिल्ली: इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है. सूत्रों ने दावा किया कि सह प्रवर्तकों के बीच विवाद सुलझ गया है और अब कंपनी वृद्धि की राह पर है.

इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल ने संबंधित पक्ष लेनदेन पर नई नीति को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. कंपनी के सह प्रवर्तकों के बीच कंपनी के संचालन के मुद्दे पर जारी विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है.

कंपनी के सह प्रवर्तकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच मतभेद इस महीने उस समय खुलकर सामने आ गए जब गंगवाल ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखा.

ये भी पढ़ें- सरकार ने 2019-20 में चीनी का 40 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की मंजूरी दी

गंगवाल ने सेबी को लिखे पत्र में कंपनी के कामकाज के संचालन में खामियों पर चिंता जताई थी. हालांकि, भाटिया गुट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. सूत्रों ने बताया कि संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) से संबंधित नीति को निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है.

कंपनी के निदेशक मंडल में गंगवाल और भाटिया सहित कुल छह सदस्य है. बोर्ड की बैठक 19 और 20 जुलाई को हुई थी.

सूत्रों के अनुसार बैठक में लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले:-

  • नई नीति के तहत दो करोड़ रुपये से अधिक से आरपीटी के लिए बाहरी सलाह ली जाएगी
  • किसी भी अनुबंध के लिए निविदा प्रक्रिया जरूरी होगी
  • आरपीटी में किसी भी तरह के बदलाव पर कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों की सर्वसम्मति होनी चाहिए
  • कंपनी के निदेशक मंडल में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर दस करने का भी निर्णय लिया गया है. इनमें चार स्वतंत्र निदेशक भी होंगे
  • भाटिया समूह बोर्ड में पांच सदस्य मनोनीत करेगा. इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल होगा

नई दिल्ली: इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है. सूत्रों ने दावा किया कि सह प्रवर्तकों के बीच विवाद सुलझ गया है और अब कंपनी वृद्धि की राह पर है.

इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल ने संबंधित पक्ष लेनदेन पर नई नीति को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. कंपनी के सह प्रवर्तकों के बीच कंपनी के संचालन के मुद्दे पर जारी विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है.

कंपनी के सह प्रवर्तकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच मतभेद इस महीने उस समय खुलकर सामने आ गए जब गंगवाल ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखा.

ये भी पढ़ें- सरकार ने 2019-20 में चीनी का 40 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की मंजूरी दी

गंगवाल ने सेबी को लिखे पत्र में कंपनी के कामकाज के संचालन में खामियों पर चिंता जताई थी. हालांकि, भाटिया गुट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. सूत्रों ने बताया कि संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) से संबंधित नीति को निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है.

कंपनी के निदेशक मंडल में गंगवाल और भाटिया सहित कुल छह सदस्य है. बोर्ड की बैठक 19 और 20 जुलाई को हुई थी.

सूत्रों के अनुसार बैठक में लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले:-

  • नई नीति के तहत दो करोड़ रुपये से अधिक से आरपीटी के लिए बाहरी सलाह ली जाएगी
  • किसी भी अनुबंध के लिए निविदा प्रक्रिया जरूरी होगी
  • आरपीटी में किसी भी तरह के बदलाव पर कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों की सर्वसम्मति होनी चाहिए
  • कंपनी के निदेशक मंडल में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर दस करने का भी निर्णय लिया गया है. इनमें चार स्वतंत्र निदेशक भी होंगे
  • भाटिया समूह बोर्ड में पांच सदस्य मनोनीत करेगा. इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल होगा
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विवाद सुलझाने के पक्ष में हैं इंडिगो के प्रवर्तक, कई नई नीतियों को दी मंजूरी

नई दिल्ली: इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है. सूत्रों ने दावा किया कि सह प्रवर्तकों के बीच विवाद सुलझ गया है और अब कंपनी वृद्धि की राह पर है. 

इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल ने संबंधित पक्ष लेनदेन पर नई नीति को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. कंपनी के सह प्रवर्तकों के बीच कंपनी के संचालन के मुद्दे पर जारी विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है.

कंपनी के सह प्रवर्तकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच मतभेद इस महीने उस समय खुलकर सामने आ गए जब गंगवाल ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखा. 

गंगवाल ने सेबी को लिखे पत्र में कंपनी के कामकाज के संचालन में खामियों पर चिंता जताई थी. हालांकि, भाटिया गुट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. सूत्रों ने बताया कि संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) से संबंधित नीति को निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है. 

कंपनी के निदेशक मंडल में गंगवाल और भाटिया सहित कुल छह सदस्य है. बोर्ड की बैठक 19 और 20 जुलाई को हुई थी. 

सूत्रों के अनुसार बैठक में लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले:-

नई नीति के तहत दो करोड़ रुपये से अधिक से आरपीटी के लिए बाहरी सलाह ली जाएगी. 

किसी भी अनुबंध के लिए निविदा प्रक्रिया जरूरी होगी. 

आरपीटी में किसी भी तरह के बदलाव पर कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों की सर्वसम्मति होनी चाहिए. 

कंपनी के निदेशक मंडल में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर दस करने का भी निर्णय लिया गया है. इनमें चार स्वतंत्र निदेशक भी होंगे. 

भाटिया समूह बोर्ड में पांच सदस्य मनोनीत करेगा. इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल होगा. 

 


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