नई दिल्ली: वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के संगठन एक्मा ने चेतापनी दी है कि यदि वाहन क्षेत्र में मांग कमजोर बनी रहती है तो कलपुर्जा क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां जाएंगी.
वाहन कलपुर्जा क्षेत्र करीब 50 लाख लोगों को रोजगार देता है. पिछले साल वाहन कलपुर्जा कंपनियों के कारोबार में 18 प्रतिशत गिरावट देखी गयी. इस साल इसमें फिर से 20 से 40 प्रतिशत गिरावट की आशंका है.
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ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एक्मा) ने कहा कमजोर मांग और पहले से मौजूद अतिरिक्त क्षमता के चलते वाहन कलपुर्जा कंपनियों को अपने कार्यबल में कटौती करनी होगी. ताकि कारोबार को व्यावहारिक बनाया रखा जा सके.
एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने पीटीआई-भाषा से कहा, "जब तक मांग सही नहीं होती तब तक वित्तीय दबाव, नौकरी जाने और नकदी प्रबंधन से जुड़ी चिंताएं विद्यमान रहेंगी. यह हालात तभी दूर होंगे जब हम पहले जैसी स्थिति में लौट आएंगे." उन्होंने कहा कि भले कंपनियां पूरी तरह से काम चालू कर दें लेकिन तब भी कमजोर मांग की वजह से उन्हें उतने कार्यबल की जरूरत नहीं होगी.
जैन ने कहा, "ऐसी स्थिति में हम भले चाहें या ना चाहें, लोगों की नौकरियं जाएंगी. पहले यह गाज ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों पर गिरेगी, लेकिन बाद में यह अन्य पर भी इसका असर पड़ सकता है."
उन्होंने कहा कि वाहन विनिर्माताओं का संगठन सियाम पहले ही कोविड-19 की वहज से कारोबार में सालाना 35-40 प्रतिशत गिरावट आने का अंदेशा जता चुका है.
(पीटीआई-भाषा)