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सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री से चर्चा की

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ मंगलवार को यहां पहुंचे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ईरान से तेल आयात पर अमेरिका ने छूट समाप्त कर दी है. समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान यह विषय सामने आया.

सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री से चर्चा की
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Published : May 14, 2019, 6:21 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ईरान के अपने समकक्ष मोहम्मद जवाद जरीफ के साथ द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी हितों से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, "विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के बीच रचनात्मक चर्चा हुई. अफगानिस्तान समेत वर्तमान क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का अच्छा आदान प्रदान हुआ."

ये भी पढ़ें- थोक महंगाई दर अप्रैल में घटकर हुई 3.07 प्रतिशत, खाद्य कीमतों में बढ़त जारी

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ मंगलवार को यहां पहुंचे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ईरान से तेल आयात पर अमेरिका ने छूट समाप्त कर दी है. समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान यह विषय सामने आया. दो मई को जब अमेरिकी रियायत की अवधि समाप्त हो गई तब भारत ने कहा था कि वह इस मामले से तीन बातों को ध्यान में रखते हुये निपटेगा.

इस संबंध में कोई भी निर्णय लेते हुए देश की ऊर्जा सुरक्षा, वाणिज्यिक सोच-विचार और आर्थिक हितों को ध्यान में रखा जायेगा. विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत अमेरिका के निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने को तैयार है.

अमेरिका ने पिछले साल मई में ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर हुए समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू हो गये. प्रतिबंधों के बाद अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात में कमी लाने और धीरे-धीरे इसे बंद करने के लिये छह माह का समय दिया था. दोनों पक्ष ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह परियोजना को भी अहम बता रहे हैं.

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ईरान के अपने समकक्ष मोहम्मद जवाद जरीफ के साथ द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी हितों से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, "विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के बीच रचनात्मक चर्चा हुई. अफगानिस्तान समेत वर्तमान क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का अच्छा आदान प्रदान हुआ."

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ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ मंगलवार को यहां पहुंचे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ईरान से तेल आयात पर अमेरिका ने छूट समाप्त कर दी है. समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान यह विषय सामने आया. दो मई को जब अमेरिकी रियायत की अवधि समाप्त हो गई तब भारत ने कहा था कि वह इस मामले से तीन बातों को ध्यान में रखते हुये निपटेगा.

इस संबंध में कोई भी निर्णय लेते हुए देश की ऊर्जा सुरक्षा, वाणिज्यिक सोच-विचार और आर्थिक हितों को ध्यान में रखा जायेगा. विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत अमेरिका के निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने को तैयार है.

अमेरिका ने पिछले साल मई में ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर हुए समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू हो गये. प्रतिबंधों के बाद अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात में कमी लाने और धीरे-धीरे इसे बंद करने के लिये छह माह का समय दिया था. दोनों पक्ष ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह परियोजना को भी अहम बता रहे हैं.

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सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री से चर्चा की

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ईरान के अपने समकक्ष मोहम्मद जवाद जरीफ के साथ द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी हितों से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा की. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, "विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के बीच रचनात्मक चर्चा हुई. अफगानिस्तान समेत वर्तमान क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का अच्छा आदान प्रदान हुआ." 

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इस संबंध में कोई भी निर्णय लेते हुए देश की ऊर्जा सुरक्षा, वाणिज्यिक सोच-विचार और आर्थिक हितों को ध्यान में रखा जायेगा. विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत अमेरिका के निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने को तैयार है. 

अमेरिका ने पिछले साल मई में ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर हुये समझौते से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू हो गये. प्रतिबंधों के बाद अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को ईरान से तेल आयात में कमी लाने और धीरे-धीरे इसे बंद करने के लिये छह माह का समय दिया था. दोनों पक्ष ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह परियोजना को भी अहम बता रहे हैं.


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