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चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 18,958 करोड़ रुपये का बकाया, उ.प्र. पर लगभग 11,000 करोड़ का बकाया

इसके बाद कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है. पंजाब में गन्ना किसानों का मिलो पर बकाया 989 करोड़ रुपये, गुजरात और बिहार में क्रमश: 965 करोड़ रुपये और 923 करोड़ रुपये हैं.

चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 18,958 करोड़ रुपये का बकाया, उ.प्र. पर लगभग 11,000 करोड़ का बकाया
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Published : Jun 21, 2019, 11:58 PM IST

नई दिल्ली: चीनी के चालू विपणन वर्ष में मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 18 जून तक बढ़कर लगभग 19,000 करोड़ रुपये हो गया था. इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की मिलों पर है. सरकारी आंकड़ों के में यह जानकारी दी गई है. उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 11,082 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

इसके बाद कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है. पंजाब में गन्ना किसानों का मिलो पर बकाया 989 करोड़ रुपये, गुजरात और बिहार में क्रमश: 965 करोड़ रुपये और 923 करोड़ रुपये हैं.

ये भी पढ़ें: किसानों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने के लिए नयी योजना

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना एक सतत प्रक्रिया है. हालांकि, पिछले चीनी सत्र में अधिशेष चीनी उत्पादन के कारण, चीनी कीमतें नरम थीं जिससे चीनी मिलों में नकदी की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिसके कारण किसानों का गन्ना बकाया बढ़ा."

आंकड़ों के अनुसार, चालू विपणन वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के 18 जून को गन्ना किसानों का कुल बकाया 18,958 करोड़ रुपये था. पासवान ने कहा कि चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले एक साल में कई कदम उठाए गए हैं ताकि वे अपने गन्ने का बकाया खत्म कर सकें.

नई दिल्ली: चीनी के चालू विपणन वर्ष में मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 18 जून तक बढ़कर लगभग 19,000 करोड़ रुपये हो गया था. इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की मिलों पर है. सरकारी आंकड़ों के में यह जानकारी दी गई है. उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 11,082 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

इसके बाद कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है. पंजाब में गन्ना किसानों का मिलो पर बकाया 989 करोड़ रुपये, गुजरात और बिहार में क्रमश: 965 करोड़ रुपये और 923 करोड़ रुपये हैं.

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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना एक सतत प्रक्रिया है. हालांकि, पिछले चीनी सत्र में अधिशेष चीनी उत्पादन के कारण, चीनी कीमतें नरम थीं जिससे चीनी मिलों में नकदी की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिसके कारण किसानों का गन्ना बकाया बढ़ा."

आंकड़ों के अनुसार, चालू विपणन वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के 18 जून को गन्ना किसानों का कुल बकाया 18,958 करोड़ रुपये था. पासवान ने कहा कि चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले एक साल में कई कदम उठाए गए हैं ताकि वे अपने गन्ने का बकाया खत्म कर सकें.

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नई दिल्ली: चीनी के चालू विपणन वर्ष में मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 18 जून तक बढ़कर लगभग 19,000 करोड़ रुपये हो गया था. इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की मिलों पर है. सरकारी आंकड़ों के में यह जानकारी दी गई है. उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 11,082 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

इसके बाद कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है. पंजाब में गन्ना किसानों का मिलो पर बकाया 989 करोड़ रुपये, गुजरात और बिहार में क्रमश: 965 करोड़ रुपये और 923 करोड़ रुपये हैं.

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना एक सतत प्रक्रिया है. हालांकि, पिछले चीनी सत्र में अधिशेष चीनी उत्पादन के कारण, चीनी कीमतें नरम थीं जिससे चीनी मिलों में नकदी की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिसके कारण किसानों का गन्ना बकाया बढ़ा."

आंकड़ों के अनुसार, चालू विपणन वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के 18 जून को गन्ना किसानों का कुल बकाया 18,958 करोड़ रुपये था. पासवान ने कहा कि चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले एक साल में कई कदम उठाए गए हैं ताकि वे अपने गन्ने का बकाया खत्म कर सकें.

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