नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्टार्ट-अप योजना पेश की है. उन्होंने कहा है कि नया काम शुरु करने के लिए पहले तीन साल में कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. राहुल ने एक ट्वीट में लिखा कि इस योजना के तहत एंजल टैक्स से भी मुक्ति मिलेगी.
राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश में सभी नए व्यवसायों को लाल फीताशाही के चंगुल से मुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नये उद्यमियों को तीन साल तक कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़े. उन्हें बैंक ऋण भी आसानी से उपलब्ध कराया जायेगा.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले गांधी ने यह भी कहा कि नए व्यवसायों पर लगने वाले 'एंजल टैक्स' को भी हटाया जाएगा. बता दें कि एंजल टैक्स स्टार्ट-अप्स में निवेश पर लगाया जाने वाला कर है. वर्तमान में इस कर की अधिकतम दर 30 फीसदी है.
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इस टैक्स का प्रावधान पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2012 के आम बजट में लागू किया था. इसका मकसद पैसे की हेरफेर पर लगाम कसना है. तत्कालीन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनलिस्टेड और अनजान कंपनियों में निवेश के जरिए काले धन को सफेद करने के खेल की जानकारी मिलने पर यह कदम उठाया गया था.
इन प्रस्तावों को लोकसभा चुनाव के लिए अगले महीने की शुरुआत में जारी होने वाले कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में भी जगह दी जाएगी. राहुल गांधी ने बताया, 'नया कारोबार शुरु करने के बाद तीन वर्ष तक हम आपको लाल फीताशाही से मुक्त रखेंगे. आपको किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी.'
चुनाव से पहले युवाओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने की कोशिश के तहत उन्होंने कहा, 'किसी चीज की चिंता मत करिए. आप को किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी. अपना कारोबार, अपना काम शुरू करिए.'
उन्होंने कहा, 'हमने कहा है कि हम कठोर और त्रुटिपूर्ण एंजल टैक्स को हटाएंगे. मैंने यह वादा किया है और इसे पूरा किया जाएगा.'
राहुल गांधी ने कहा कि कई उद्यमियों ने चर्चा के दौरान कहा कि नए उपक्रम शुरू करने से पहले विभिन्न एजेंसियों से अलग अलग तरह की अनुमति लेना सबसे बड़ी समस्या है.
उन्होंने कहा, 'उद्यमियों ने कहा कि विभिन्न एजेंसियां ढेरों सवाल करती हैं और रिश्वत मांगती है. ऐसे में हमने कहा कि हमें आप पर विश्वास है और नए कारोबार शुरू करने के तीन वर्ष तक हम आपको लाल फीताशाही से मुक्त करने जा रहे हैं.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उद्यमियों से चर्चा के दौरान एक और विचार सामने आया कि नए कारोबारियों के लिए बैंकिंग व्यवस्था को सुलभ बनाया जाए.
उन्होंने सवाल किया, 'सिर्फ नीरव मोदी को ही हजारों करोड़ रुपये क्यों मिलने चाहिए? उसने भारत में कितनी नौकरियां पैदा की हैं? अगर कोई नौजवान कारोबार शुरू करना चाहता है और दो हजार नौकरियां सृजित करना चाहता है तो उसे बैंक ऋण क्यों नहीं मिल सकता?'
राहुल गांधी ने कहा कि समाज के विभिन्न समूहों से विचार-विमर्श करने के बाद चुनावी घोषणापत्र तैयार हो रहा है जिसमें कारोबार, खेती, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की बातें शामिल होंगी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी किया जा सकता है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति घोषणापत्र को अंतिम रूप दे रही है.