नई दिल्ली : घरेलू बाजार में अधिक स्टॉक होने के कारण इस साल जून के दौरान पिछले महीने की तुलना में भारत का पाम तेल आयात 24 प्रतिशत घटकर 5,87,467 टन रह गया. उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
दुनिया में वनस्पति तेलों के मुख्य खरीदार देश, भारत ने जून 2020 में 5,64,839 टन पामतेल का आयात किया था. जबकि मई 2021 में पाम तेल का आयात 7,69,602 टन का हुआ था. देश का कुल वनस्पति तेल आयात इस साल जून में 17 प्रतिशत घटकर 9.96 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.98 लाख टन था.
देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक का है. एसईए के अनुसार, घरेलू बाजार में खाद्यतेल का अधिक स्टॉक होने के कारण जून में वनस्पति तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में कम रहा. संगठन के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल उत्पादों में, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात इस साल जून में बढ़कर 5.76 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.63 लाख टन था.
इसी अवधि में कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) के आयात की खेप पहले के 1,000 टन से बढ़कर 7,377 टन हो गई. आरबीडी पामोलिन का आयात इस साल जून में बढ़कर 3,200 टन हो गया, जो एक साल पहले 300 टन था. हल्के तेलों में सोयाबीन तेल का आयात जून में घटकर 2,06,262 टन रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,31,171 टन था.
इसी तरह सूरजमुखी तेल की आयात की खेप पहले के 2,69,428 टन से घटकर 1,75,702 टन रह गई. एसईए के अनुसार, आरबीडी पाम तेलों के निर्बाध आयात की छूट देने से नेपाल और बांग्लादेश से शून्य शुल्क पर रिफाइंड तेलों के आयात में जबर्दस्त वृद्धि हो सकती है, जिससे पूर्वी और उत्तरी भारत के रिफाइनरी इकाइयां गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं.
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एक जुलाई तक खाद्य तेल का कुल भंडार 19.87 लाख टन था, जिसमें से 12.60 लाख टन पाइपलाइन में होने का अनुमान है. भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया (Indonesia and Malaysia) से पाम तेल का आयात करता है और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे हल्के तेल बहुत कम मात्रा में आयात करता है. सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है.
(पीटीआई-भाषा)