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एरिक्सन को कर्ज भुगतान न करना अवमानना नहीं : आरकॉम

नई दिल्ली : रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में जवाब दाखिल कर कहा कि एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज का भुगतान नहीं कर कंपनी ने किसी प्रकार की अवमानना नहीं की है.

अनिल अंबानी (फाइल फोटो)।
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Published : Feb 13, 2019, 11:23 AM IST

आरकॉम के अध्यक्ष अनिल अंबानी भी अदालत में उपस्थित थे, जब उनके वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष एरिक्सन द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर जवाब दिया.

एरिक्सन ने शीर्ष अदालत के भुगतान के आदेश को नहीं मानने पर ऑरकॉम के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की है. इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा ऑरकॉम को सुनाए गए तीन अगस्त और 23 अक्टूबर, 2018 के आदेश का हवाला दिया गया है.

अदालत ने अंबानी को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाजिर रहने के निर्देश दिए थे और अदालत ने बुधवार की सुनवाई में भी उन्हें हाजिर रहने को कहा है, क्योंकि मामले पर अभी फैसला नहीं सुनाया गया है.

रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन का बकाया इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया.

हालांकि वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने एरिक्सन की तरफ से आरोप लगाया कि अंबानी ने अदालत का अपमान और अवमानना की है. उन्होंने कहा कि ऑरकॉम को दूसरी परिसंपत्तियों की बिक्री से 2,000 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो अदालत से छिपाई गई.

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रोहतगी ने इसके जवाब में कहा कि अभी तक कंपनी को धन प्राप्त नहीं हुआ है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : जनवरी में 2.05 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर, देखें आंकड़े

आरकॉम के अध्यक्ष अनिल अंबानी भी अदालत में उपस्थित थे, जब उनके वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष एरिक्सन द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर जवाब दिया.

एरिक्सन ने शीर्ष अदालत के भुगतान के आदेश को नहीं मानने पर ऑरकॉम के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की है. इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा ऑरकॉम को सुनाए गए तीन अगस्त और 23 अक्टूबर, 2018 के आदेश का हवाला दिया गया है.

अदालत ने अंबानी को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाजिर रहने के निर्देश दिए थे और अदालत ने बुधवार की सुनवाई में भी उन्हें हाजिर रहने को कहा है, क्योंकि मामले पर अभी फैसला नहीं सुनाया गया है.

रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन का बकाया इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया.

हालांकि वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने एरिक्सन की तरफ से आरोप लगाया कि अंबानी ने अदालत का अपमान और अवमानना की है. उन्होंने कहा कि ऑरकॉम को दूसरी परिसंपत्तियों की बिक्री से 2,000 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो अदालत से छिपाई गई.

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रोहतगी ने इसके जवाब में कहा कि अभी तक कंपनी को धन प्राप्त नहीं हुआ है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : जनवरी में 2.05 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर, देखें आंकड़े

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नई दिल्ली : रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में जवाब दाखिल कर कहा कि एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज का भुगतान नहीं कर कंपनी ने किसी प्रकार की अवमानना नहीं की है.

आरकॉम के अध्यक्ष अनिल अंबानी भी अदालत में उपस्थित थे, जब उनके वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष एरिक्सन द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर जवाब दिया.

एरिक्सन ने शीर्ष अदालत के भुगतान के आदेश को नहीं मानने पर ऑरकॉम के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की है. इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा ऑरकॉम को सुनाए गए तीन अगस्त और 23 अक्टूबर, 2018 के आदेश का हवाला दिया गया है.

अदालत ने अंबानी को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाजिर रहने के निर्देश दिए थे और अदालत ने बुधवार की सुनवाई में भी उन्हें हाजिर रहने को कहा है, क्योंकि मामले पर अभी फैसला नहीं सुनाया गया है.

रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन का बकाया इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया.

हालांकि वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने एरिक्सन की तरफ से आरोप लगाया कि अंबानी ने अदालत का अपमान और अवमानना की है. उन्होंने कहा कि ऑरकॉम को दूसरी परिसंपत्तियों की बिक्री से 2,000 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो अदालत से छिपाई गई.

रोहतगी ने इसके जवाब में कहा कि अभी तक कंपनी को धन प्राप्त नहीं हुआ है.


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