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भारत का रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार में निवेश के लिए सउदी अरब को न्योता - निवेश

रणनीतिक तेल भंडारण सुविधा के क्षेत्र में सउदी अरब को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है भारत. तीन सप्ताह में दूसरी बार भारत आए सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालेह ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर के बारे में चर्चा की.

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Published : Mar 11, 2019, 7:25 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने देश में रणनीतिक तेल भंडारण सुविधा के क्षेत्र में सउदी अरब को निवेश के लिए आमंत्रित किया है. साथ ही सरकार सउदी अरब के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर यानी करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये की लगात से एक नया तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन संयंत्र स्थापित करने की परियोजना को जिवित रखने का प्रयास कर रही.

महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिल में स्थापित की जाने ली इस परियोजना के लिए वहां की सरकार तय जगह पर जमीन का प्रबंध नहीं कर सकी है. महज तीन सप्ताह में दूसरी बार भारत आए सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालीह ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर के बारे में चर्चा की.

महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन के लिए हुए समझौते के तहत सरकार ने इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना वापस ले ली है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, "दोनों मंत्रियों ने भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में सउदी अरब के निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा की. इनमें करीब 44 अरब डॉलर की लागत से महाराष्ट्र में तैयार होने वाली संयुक्त पश्चिम तटीय परिशोधन एवं पेट्रोरसायन परियोजना भी शामिल रही."

दोनों नेताओं ने शनिवार रात को मुलाकात की। बयान में परियोजना के लिये वैकल्पिक स्थल की कोई जानकारी नहीं दी गयी. इस परियोजना में सउदी अरब की कंपनी अरामको और उसकी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक ने 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए करार पर हस्ताक्षर कर रखे हैं. शेष हिस्सेदारी भारत की सार्वजनिक कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पास रहेगी.

प्रधान ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, "सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालेह को भारत के रणनीतिक भंडार कार्यक्रमों में भागीदारी के लिये आमंत्रित किया और देश के परिशोधन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में सउदी अरब का निवेश बढ़ाने का आह्वान किया. ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारियों से दोनों देशों को फायदा होगा और हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे."

बयान में कहा गया कि भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम में सउदी अरब की भागीदारी के बारे में भी बातचीत की गयी.
(भाषा)
पढ़ें : केन्द्रीय राज्य मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दो अंतर-राज्यीय सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया

नई दिल्ली : भारत ने देश में रणनीतिक तेल भंडारण सुविधा के क्षेत्र में सउदी अरब को निवेश के लिए आमंत्रित किया है. साथ ही सरकार सउदी अरब के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर यानी करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये की लगात से एक नया तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन संयंत्र स्थापित करने की परियोजना को जिवित रखने का प्रयास कर रही.

महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिल में स्थापित की जाने ली इस परियोजना के लिए वहां की सरकार तय जगह पर जमीन का प्रबंध नहीं कर सकी है. महज तीन सप्ताह में दूसरी बार भारत आए सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालीह ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर के बारे में चर्चा की.

महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन के लिए हुए समझौते के तहत सरकार ने इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना वापस ले ली है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, "दोनों मंत्रियों ने भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में सउदी अरब के निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा की. इनमें करीब 44 अरब डॉलर की लागत से महाराष्ट्र में तैयार होने वाली संयुक्त पश्चिम तटीय परिशोधन एवं पेट्रोरसायन परियोजना भी शामिल रही."

दोनों नेताओं ने शनिवार रात को मुलाकात की। बयान में परियोजना के लिये वैकल्पिक स्थल की कोई जानकारी नहीं दी गयी. इस परियोजना में सउदी अरब की कंपनी अरामको और उसकी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक ने 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए करार पर हस्ताक्षर कर रखे हैं. शेष हिस्सेदारी भारत की सार्वजनिक कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पास रहेगी.

प्रधान ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, "सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालेह को भारत के रणनीतिक भंडार कार्यक्रमों में भागीदारी के लिये आमंत्रित किया और देश के परिशोधन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में सउदी अरब का निवेश बढ़ाने का आह्वान किया. ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारियों से दोनों देशों को फायदा होगा और हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे."

बयान में कहा गया कि भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम में सउदी अरब की भागीदारी के बारे में भी बातचीत की गयी.
(भाषा)
पढ़ें : केन्द्रीय राज्य मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दो अंतर-राज्यीय सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया

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नई दिल्ली : भारत ने देश में रणनीतिक तेल भंडारण सुविधा के क्षेत्र में सउदी अरब को निवेश के लिए आमंत्रित किया है. साथ ही सरकार सउदी अरब के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर यानी करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये की लगात से एक नया तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन संयंत्र स्थापित करने की परियोजना को जिवित रखने का प्रयास कर रही.

महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिल में स्थापित की जाने ली इस परियोजना के लिए वहां की सरकार तय जगह पर जमीन का प्रबंध नहीं कर सकी है. महज तीन सप्ताह में दूसरी बार भारत आए सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालीह ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर के बारे में चर्चा की.

महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन के लिए हुए समझौते के तहत सरकार ने इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना वापस ले ली है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, "दोनों मंत्रियों ने भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में सउदी अरब के निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा की. इनमें करीब 44 अरब डॉलर की लागत से महाराष्ट्र में तैयार होने वाली संयुक्त पश्चिम तटीय परिशोधन एवं पेट्रोरसायन परियोजना भी शामिल रही."

दोनों नेताओं ने शनिवार रात को मुलाकात की। बयान में परियोजना के लिये वैकल्पिक स्थल की कोई जानकारी नहीं दी गयी. इस परियोजना में सउदी अरब की कंपनी अरामको और उसकी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक ने 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए करार पर हस्ताक्षर कर रखे हैं. शेष हिस्सेदारी भारत की सार्वजनिक कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पास रहेगी.

प्रधान ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, "सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालेह को भारत के रणनीतिक भंडार कार्यक्रमों में भागीदारी के लिये आमंत्रित किया और देश के परिशोधन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में सउदी अरब का निवेश बढ़ाने का आह्वान किया. ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारियों से दोनों देशों को फायदा होगा और हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे."

बयान में कहा गया कि भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम में सउदी अरब की भागीदारी के बारे में भी बातचीत की गयी.

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