ETV Bharat / business

कोविड वैक्सीन पर जीएसटी कटौती नहीं करना 'जन विरोधी' : अमित मित्रा

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कोविड टीकों पर टैक्स नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के फैसले को जन विरोधी बताया है. मित्रा का कहना है कि इस फैसले से लाखों लोगों को नुकसान पहुंचेगा.

अमित मित्रा
अमित मित्रा
author img

By

Published : Jun 13, 2021, 7:18 AM IST

कोलकाता : कोविड-19 रोधी टीकों पर टैक्स नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के फैसले को 'जन विरोधी' बताते हुए पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश की तो उनकी आवाज दबा दी गई.

जीएसटी परिषद ने शनिवार को कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के साथ ही चिकित्सीय ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सांद्रकों पर कर की कटौती की, लेकिन टीकों पर कर घटाने की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया.

मित्रा ने बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि जीएसटी परिषद द्वारा हमारी आवाज को दबाने का यह बिल्कुल जनविरोधी फैसला है. जन प्रतिनिधि होने के नाते इस कठोर फैसले को उचित ठहराने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. मित्रा का कहना है कि जीएसटी परिषद के इस फैसले से लाखों लोगों को नुकसान पहुंचेगा.

यह भी पढ़ें- सरकार ने कोरोना की दवाओं, उपकरणों पर GST दरें घटाई

इन फैसलों के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज कराते हुए मित्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की, लेकिन बैठक खत्म होने लगी और डिजिटल बैठक के लिए लिंक भी टूट गया. मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक सामग्री पर जीएसटी के संबंध में दो रचनात्मक विकल्पों के उनके सुझावों पर भी ध्यान नहीं दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : कोविड-19 रोधी टीकों पर टैक्स नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के फैसले को 'जन विरोधी' बताते हुए पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश की तो उनकी आवाज दबा दी गई.

जीएसटी परिषद ने शनिवार को कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के साथ ही चिकित्सीय ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सांद्रकों पर कर की कटौती की, लेकिन टीकों पर कर घटाने की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया.

मित्रा ने बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि जीएसटी परिषद द्वारा हमारी आवाज को दबाने का यह बिल्कुल जनविरोधी फैसला है. जन प्रतिनिधि होने के नाते इस कठोर फैसले को उचित ठहराने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. मित्रा का कहना है कि जीएसटी परिषद के इस फैसले से लाखों लोगों को नुकसान पहुंचेगा.

यह भी पढ़ें- सरकार ने कोरोना की दवाओं, उपकरणों पर GST दरें घटाई

इन फैसलों के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज कराते हुए मित्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की, लेकिन बैठक खत्म होने लगी और डिजिटल बैठक के लिए लिंक भी टूट गया. मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक सामग्री पर जीएसटी के संबंध में दो रचनात्मक विकल्पों के उनके सुझावों पर भी ध्यान नहीं दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.