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किराना दुकानों के डिजिटलीकरण, आधुनिकीकरण के लिए सरकार, उद्योग साथ काम करें: डेलॉयट

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Published : Oct 22, 2019, 5:19 PM IST

रिपोर्ट में कहा गया है कि परंपरागत और आधुनिक खुदरा क्षेत्र (ई-कॉमर्स सहित) के अपने गुण हैं जिनका साझा मंच उपलब्ध कराने के लिए एकीकरण किया जाना चाहिए. बाजार अब परंपरागत दुकानों से मिलेजुले मॉडल की ओर रुख कर रहा है.

किराना दुकानों के डिजिटलीकरण, आधुनिकीकरण के लिए सरकार, उद्योग साथ काम करें : डेलॉयट

नई दिल्ली: सरकार और उद्योग को किराना दुकानों के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण को मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि ये देश के खुदरा क्षेत्र का महत्वपूर्ण अंग है. डेलॉयट की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि परंपरागत और आधुनिक खुदरा क्षेत्र (ई-कॉमर्स सहित) के अपने गुण हैं जिनका साझा मंच उपलब्ध कराने के लिए एकीकरण किया जाना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार अब परंपरागत दुकानों से मिलेजुले मॉडल की ओर रुख कर रहा है.

ब्रांडों को सभी चैनलों पर उपभोक्ताओं को बाधारहित खरीदारी का अनुभव उपलब्ध कराने के लिए विभन्न माध्यमों का इस्तेमाल करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: मूर्तियों के बाजार में 'मेक इन इंडिया' की दिवाली, 'मेड इन चाइना' गायब

रिपोर्ट कहती है, "देश के खुदरा क्षेत्र में किराना दुकानें एक महत्वपूर्ण अंग हैं और निकट भविष्य में भी यही स्थिति बनी रहेगी. ऐसे में सरकार और उद्योग को इनके डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए."

डेलॉयट ने कहा कि ग्रामीण बाजारों पर भी ध्यान देने की जरूरत है. यदि गैर शहरी केंद्रों को नजरअंदाज किया जाता है तो उसके नतीजे खराब होंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है, "रणनीतियां इस तरीके से बनाई जानी चाहिए जिससे सभी लक्षित खंडों की मांग को पूरा किया जा सके. ब्रांडों को आईओटी, कृत्रिम मेधा और डेटा विश्लेषण जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों में निवेश करना चाहिए जिससे ग्राहकों को बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके."

नई दिल्ली: सरकार और उद्योग को किराना दुकानों के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण को मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि ये देश के खुदरा क्षेत्र का महत्वपूर्ण अंग है. डेलॉयट की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि परंपरागत और आधुनिक खुदरा क्षेत्र (ई-कॉमर्स सहित) के अपने गुण हैं जिनका साझा मंच उपलब्ध कराने के लिए एकीकरण किया जाना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार अब परंपरागत दुकानों से मिलेजुले मॉडल की ओर रुख कर रहा है.

ब्रांडों को सभी चैनलों पर उपभोक्ताओं को बाधारहित खरीदारी का अनुभव उपलब्ध कराने के लिए विभन्न माध्यमों का इस्तेमाल करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: मूर्तियों के बाजार में 'मेक इन इंडिया' की दिवाली, 'मेड इन चाइना' गायब

रिपोर्ट कहती है, "देश के खुदरा क्षेत्र में किराना दुकानें एक महत्वपूर्ण अंग हैं और निकट भविष्य में भी यही स्थिति बनी रहेगी. ऐसे में सरकार और उद्योग को इनके डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए."

डेलॉयट ने कहा कि ग्रामीण बाजारों पर भी ध्यान देने की जरूरत है. यदि गैर शहरी केंद्रों को नजरअंदाज किया जाता है तो उसके नतीजे खराब होंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है, "रणनीतियां इस तरीके से बनाई जानी चाहिए जिससे सभी लक्षित खंडों की मांग को पूरा किया जा सके. ब्रांडों को आईओटी, कृत्रिम मेधा और डेटा विश्लेषण जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों में निवेश करना चाहिए जिससे ग्राहकों को बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके."

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