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कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री ने जताई चिंता

निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का भारतीय अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम इसे एक चुनौती के रूप में ले रहे हैं और इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए इसके लिए हमारी सरकार प्रभावी कदम भी उठाने की तैयारी कर रही है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Published : Mar 8, 2022, 5:44 PM IST

बेंगलुरु: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitharaman) ने मंगलवार को यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों (crude oil price) पर चिंता व्यक्त की और संकेत दिया कि केंद्र सरकार वैकल्पिक स्रोतों का दोहन करने पर विचार कर रही है. उन्होंने यह बयान भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में दिया जब उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछा गया था.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का भारतीय अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम इसे एक चुनौती के रूप में ले रहे हैं और इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए इसके लिए हमारी सरकार प्रभावी कदम भी उठाने की तैयारी कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है. उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ना चिंता का विषय है और अब हमें यह देखना होगा कि इससे कैसे निपटा जाए.

पढ़ें: रूस के डिप्टी पीएम की चेतावनी, प्रतिबंध लगाया तो क्रूड ऑयल की कीमत होगी 300 डॉलर के पार

उन्होंने बताया कि तेल विपणन कंपनियां 15 दिनों के औसत के आधार पर कच्चे तेल की कीमतें तय करती हैं. सरकार यह देख रही है कि क्या वैकल्पिक स्रोत हैं जहां से उसे कच्चा तेल मिल सकता है. बता दें, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट मंगलवार को करीब 127 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. वहीं, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर उन्होंने कहा कि यह पहले से ही जीएसटी परिषद के सामने है.

पीटीआई-भाषा

बेंगलुरु: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitharaman) ने मंगलवार को यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों (crude oil price) पर चिंता व्यक्त की और संकेत दिया कि केंद्र सरकार वैकल्पिक स्रोतों का दोहन करने पर विचार कर रही है. उन्होंने यह बयान भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में दिया जब उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछा गया था.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का भारतीय अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम इसे एक चुनौती के रूप में ले रहे हैं और इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए इसके लिए हमारी सरकार प्रभावी कदम भी उठाने की तैयारी कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है. उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ना चिंता का विषय है और अब हमें यह देखना होगा कि इससे कैसे निपटा जाए.

पढ़ें: रूस के डिप्टी पीएम की चेतावनी, प्रतिबंध लगाया तो क्रूड ऑयल की कीमत होगी 300 डॉलर के पार

उन्होंने बताया कि तेल विपणन कंपनियां 15 दिनों के औसत के आधार पर कच्चे तेल की कीमतें तय करती हैं. सरकार यह देख रही है कि क्या वैकल्पिक स्रोत हैं जहां से उसे कच्चा तेल मिल सकता है. बता दें, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट मंगलवार को करीब 127 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. वहीं, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर उन्होंने कहा कि यह पहले से ही जीएसटी परिषद के सामने है.

पीटीआई-भाषा

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