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जेट एयरवेज की पुनरुद्धार योजना भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकती है : CAPA

विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंपनी सीएपीए (CAPA) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज (Jet Airways ) अगर फिर से उड़ानें शुरू करने में सफल होती है तो इसका बाजार में फिर से प्रवेश संभावित महत्वपूर्ण विकास में से एक होगा, जो भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकता है.

जेट एयरवेज
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Published : Jun 29, 2021, 10:40 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 10:58 PM IST

नई दिल्ली : विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंपनी सीएपीए (CAPA) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज (Jet Airways ) अगर फिर से उड़ानें शुरू करने में सफल होती है तो इसका बाजार में फिर से प्रवेश संभावित महत्वपूर्ण विकास में से एक होगा, जो भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकता है.

बता दें कि जेट एयरवेज को लेकर रानेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 22 जून को एक लिखित आदेश में दिवाला कानून के तहत समूह की योजना को मंजूरी दे दी थी. साथ ही ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने पने फैसले में विमानन नियामक डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जेट एयरवेज को स्लॉट आवंटित करने के लिए 90 दिनों का समय दिया.

कंसोर्टियम का उद्देश्य लेनदारों को चुकाने और कैरियर में 89.79 फीसद हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पहले दो वर्षों में 600 करोड़ रुपये का निवेश करना है.इस बारे में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा लिया गया निर्णय निस्संदेह जेट एयरवेज और उसके नए मालिकों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है.

ये भी पढ़ें - आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना मार्च 2022 तक बढ़ाई गई

सीएपीए का कहना था कि हालांकि अदालत के फैसले ने वह सब कुछ नहीं दिया जो एयरलाइन के समर्थकों ने हवाईअड्डा स्लॉट दावों के संबंध में उम्मीद की थी, फिर भी उनके लिए यह पुष्टि करने के लिए पर्याप्त था कि वे पुन: लॉन्च के साथ आगे बढ़ेंगे.

साथ ही उसका कहना था कि इससे पहले उनको महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने के अलावा और बातचीत के लिए समझौते के साथ परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.

सीएपीए के अनुसार, विशेष रूप से सात सदस्यीय निगरानी समिति, जिसमें विजेता बोलीदाता जालान कलरॉक कंसोर्टियम द्वारा नियुक्त सदस्य और नेता शामिल हैं, समाधान प्रक्रिया के अंत तक एयरलाइन के मामलों का प्रबंधन करेगी.

नई दिल्ली : विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंपनी सीएपीए (CAPA) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज (Jet Airways ) अगर फिर से उड़ानें शुरू करने में सफल होती है तो इसका बाजार में फिर से प्रवेश संभावित महत्वपूर्ण विकास में से एक होगा, जो भारत के एयरलाइन बाजार को हिला सकता है.

बता दें कि जेट एयरवेज को लेकर रानेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 22 जून को एक लिखित आदेश में दिवाला कानून के तहत समूह की योजना को मंजूरी दे दी थी. साथ ही ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने पने फैसले में विमानन नियामक डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जेट एयरवेज को स्लॉट आवंटित करने के लिए 90 दिनों का समय दिया.

कंसोर्टियम का उद्देश्य लेनदारों को चुकाने और कैरियर में 89.79 फीसद हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पहले दो वर्षों में 600 करोड़ रुपये का निवेश करना है.इस बारे में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा लिया गया निर्णय निस्संदेह जेट एयरवेज और उसके नए मालिकों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है.

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सीएपीए का कहना था कि हालांकि अदालत के फैसले ने वह सब कुछ नहीं दिया जो एयरलाइन के समर्थकों ने हवाईअड्डा स्लॉट दावों के संबंध में उम्मीद की थी, फिर भी उनके लिए यह पुष्टि करने के लिए पर्याप्त था कि वे पुन: लॉन्च के साथ आगे बढ़ेंगे.

साथ ही उसका कहना था कि इससे पहले उनको महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने के अलावा और बातचीत के लिए समझौते के साथ परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.

सीएपीए के अनुसार, विशेष रूप से सात सदस्यीय निगरानी समिति, जिसमें विजेता बोलीदाता जालान कलरॉक कंसोर्टियम द्वारा नियुक्त सदस्य और नेता शामिल हैं, समाधान प्रक्रिया के अंत तक एयरलाइन के मामलों का प्रबंधन करेगी.

Last Updated : Jun 29, 2021, 10:58 PM IST
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