नई दिल्ली: साल 2020 में जुलाई से सितंबर तक की अवधि में फेसबुक में हेट स्पीच या नफरत फैलाने वाली बातों इत्यादि का प्रसार 0.10 से 0.11 प्रतिशत के बीच में रहा यानि कि फेसबुक पर पोस्ट किसी कंटेंट के हर 10,000 व्यूज में से 10 से 11 हेट स्पीच में शामिल रहे. कंपनी ने इस बात की जानकारी दी है.
दुनिया भर में रोजाना 182 करोड़ लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं. भारत इसका सबसे बड़ा बाजार है, जहां हाल ही में नफरत भरे भाषणों से निपटने के इसके तरीकों को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया था.
सितम्बर 2020 तिमाही की अपनी 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड इन्फोर्समेंट रिपोर्ट' में फेसबुक ने कहा कि "वह पहली बार" दुनिया भर में उसके मंच पर मौजूद नफरत भरे भाषणों की जानकारी साझा कर रहा है.
फेसबुक को अकसर नफरत या हिंसा फैलाने वाले पोस्ट, स्पीच या कमेंट़्स के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, इसलिए पहली बार अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच के प्रसार का खुलासा करते हुए फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने सक्रियता से इस दिशा में काम करते हुए लगभग 95 फीसदी हेट स्पीच को रिमूव कर दिया है.
फेसबुक ने अपने एक बयान में कहा, "हम फेसबुक पर हेट स्पीच की संख्या को कैलकुलेट करते हैं और फिर हम इस आधार पर इनकी लेबलिंग करते हैं कि इसने हमारी हेट स्पीच पॉलिसी का कितना उल्लंघन किया है. चूंकि हेट स्पीच भाषा और संस्कृति पर आधारित होती है, तो हम समीक्षकों को भिन्न भाषाओं व क्षेत्रों से संबंधित इनमें से कुछ चुने हुए सैंपल भेजते हैं."
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हालांकि फेसबुक ने माना है कि हेट स्पीच को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि हेट स्पीच किसे कहेंगे और किसे नहीं, इस पर अलग-अलग राय है.
कंपनी ने आगे कहा, "इतिहास, भाषा, धर्म, बदलते सांस्कृतिक मानंदड सभी वे महत्वपूर्ण कारक हैं, जिन पर हम अपनी नीतियों को परिभाषित करते हैं."
फेसबुक ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अपने निवेश के कारण, कम्पनी नफरत भरे भाषण हटाने में अधिक सक्षम हुई है और उपयोगकर्ताओं द्वारा इसकी रिपोर्ट करने से पहले इसे हटाया गया है.
उसने कहा कि इंस्टाग्राम पर, कम्पनी ने 65 लाख, नफरत भरे भाषणों से जुड़ी सामग्री के खिलाफ कार्रवाई की गई. फेसबुक के उपाध्यक्ष गाय रोसेन ने कहा कि कम्पनी अतिरिक्त नीतियों को शामिल करने के लिए अपनी 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड' वेबसाइट को भी अद्यतन कर रही है .
(पीटीआई-भाषा)