नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में पहली बार ईडब्ल्यूएस कोटा लागू हो रहा है. लेकिन जहां इस कोटे से छात्रों ने बहुत सी उम्मीदें लगाई थी, वहीं यह कोटा महक एक कागजी कार्रवाई बनकर रह गया है.
जानकारी के मुताबिक EWS कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र न बनने को लेकर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र बनाने के आधिकारिक निर्देश नहीं जारी हुए हैं.
SDM ही बनाएंगे प्रमाण पत्र
EWS कोटे के तहत छात्रों में आ रही परेशानी को लेकर डीयू के दाखिला समिति के शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने बताया कि क्योंकि EWS कोटा पहली बार डीयू में लागू हो रहा है. इसलिए छात्रों के पास इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं है और ना ही छात्रों को यह पता है कि यह प्रमाण पत्र किसके द्वारा बनवाया जाएगा.
प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि इसके लिए सभी छात्रों को यही कहा गया है कि जो भी अथॉरिटी SC/ST के प्रमाण पत्र बनाती है, वही अथॉरिटी EWS का प्रमाण पत्र भी बनाएगी. यानी न्यूनतम स्तर पर तहसीलदार और उच्च स्तर पर एसडीएम के पास यह प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार है.
एक्नॉलेजमेंट से ही चल जाएगा काम
छात्रों को कट ऑफ आने तक राहत देने के लिए शिकायत पर प्रोफेसर प्रकोष्ठ सदस्य यही सलाह दे रहे हैं कि EWS प्रमाण पत्र बनने के लिए जो उन्होंने आवेदन किया है. उसका एक्नॉलेजमेंट ही जमा करा दें, इसी से ही उनका आवेदन मान्य कर लिया जाएगा लेकिन कट ऑफ आने के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र मूल रूप से दिखाने होंगे.
सभी विभागों को जारी है दिशा निर्देश
एसडीएम द्वारा प्रमाण पत्र बनाए जाने से इनकार करने को लेकर प्रोफेसर वर्मा का कहना है कि आधिकारिक रूप से सभी विभागों को या निर्देश जारी कर दिए गए थे कि EWS छात्रों के प्रमाण पत्र बनाए जाए. ऐसे में बाहरी प्रदेश के सभी अधिकारी यह प्रमाण पत्र बना कर दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संभावनाएं हैं कि मतदान में उलझे होने की वजह से दिशा निर्देश अधिकारियों तक पहुंचने में देरी हो गई हो और संभव है कि कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाए.