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डीयू दाखिला: इस सत्र से लागू हो रहा है ईडब्ल्यूएस कोटा, सर्टिफिकेट ना बनने से छात्र परेशान

डीयू के शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में पहली बार EWS कोटा लागू हो रहा है. EWS कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र न बनने को लेकर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

प्रो. विजय वर्मा, सदस्य, शिकायत प्रकोष्ठ
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Published : Jun 6, 2019, 11:23 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में पहली बार ईडब्ल्यूएस कोटा लागू हो रहा है. लेकिन जहां इस कोटे से छात्रों ने बहुत सी उम्मीदें लगाई थी, वहीं यह कोटा महक एक कागजी कार्रवाई बनकर रह गया है.

जानकारी के मुताबिक EWS कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र न बनने को लेकर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र बनाने के आधिकारिक निर्देश नहीं जारी हुए हैं.

SDM ही बनाएंगे प्रमाण पत्र
EWS कोटे के तहत छात्रों में आ रही परेशानी को लेकर डीयू के दाखिला समिति के शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने बताया कि क्योंकि EWS कोटा पहली बार डीयू में लागू हो रहा है. इसलिए छात्रों के पास इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं है और ना ही छात्रों को यह पता है कि यह प्रमाण पत्र किसके द्वारा बनवाया जाएगा.

प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि इसके लिए सभी छात्रों को यही कहा गया है कि जो भी अथॉरिटी SC/ST के प्रमाण पत्र बनाती है, वही अथॉरिटी EWS का प्रमाण पत्र भी बनाएगी. यानी न्यूनतम स्तर पर तहसीलदार और उच्च स्तर पर एसडीएम के पास यह प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार है.

एक्नॉलेजमेंट से ही चल जाएगा काम
छात्रों को कट ऑफ आने तक राहत देने के लिए शिकायत पर प्रोफेसर प्रकोष्ठ सदस्य यही सलाह दे रहे हैं कि EWS प्रमाण पत्र बनने के लिए जो उन्होंने आवेदन किया है. उसका एक्नॉलेजमेंट ही जमा करा दें, इसी से ही उनका आवेदन मान्य कर लिया जाएगा लेकिन कट ऑफ आने के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र मूल रूप से दिखाने होंगे.

सभी विभागों को जारी है दिशा निर्देश
एसडीएम द्वारा प्रमाण पत्र बनाए जाने से इनकार करने को लेकर प्रोफेसर वर्मा का कहना है कि आधिकारिक रूप से सभी विभागों को या निर्देश जारी कर दिए गए थे कि EWS छात्रों के प्रमाण पत्र बनाए जाए. ऐसे में बाहरी प्रदेश के सभी अधिकारी यह प्रमाण पत्र बना कर दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि संभावनाएं हैं कि मतदान में उलझे होने की वजह से दिशा निर्देश अधिकारियों तक पहुंचने में देरी हो गई हो और संभव है कि कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में पहली बार ईडब्ल्यूएस कोटा लागू हो रहा है. लेकिन जहां इस कोटे से छात्रों ने बहुत सी उम्मीदें लगाई थी, वहीं यह कोटा महक एक कागजी कार्रवाई बनकर रह गया है.

जानकारी के मुताबिक EWS कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र न बनने को लेकर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र बनाने के आधिकारिक निर्देश नहीं जारी हुए हैं.

SDM ही बनाएंगे प्रमाण पत्र
EWS कोटे के तहत छात्रों में आ रही परेशानी को लेकर डीयू के दाखिला समिति के शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने बताया कि क्योंकि EWS कोटा पहली बार डीयू में लागू हो रहा है. इसलिए छात्रों के पास इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं है और ना ही छात्रों को यह पता है कि यह प्रमाण पत्र किसके द्वारा बनवाया जाएगा.

प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि इसके लिए सभी छात्रों को यही कहा गया है कि जो भी अथॉरिटी SC/ST के प्रमाण पत्र बनाती है, वही अथॉरिटी EWS का प्रमाण पत्र भी बनाएगी. यानी न्यूनतम स्तर पर तहसीलदार और उच्च स्तर पर एसडीएम के पास यह प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार है.

एक्नॉलेजमेंट से ही चल जाएगा काम
छात्रों को कट ऑफ आने तक राहत देने के लिए शिकायत पर प्रोफेसर प्रकोष्ठ सदस्य यही सलाह दे रहे हैं कि EWS प्रमाण पत्र बनने के लिए जो उन्होंने आवेदन किया है. उसका एक्नॉलेजमेंट ही जमा करा दें, इसी से ही उनका आवेदन मान्य कर लिया जाएगा लेकिन कट ऑफ आने के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र मूल रूप से दिखाने होंगे.

सभी विभागों को जारी है दिशा निर्देश
एसडीएम द्वारा प्रमाण पत्र बनाए जाने से इनकार करने को लेकर प्रोफेसर वर्मा का कहना है कि आधिकारिक रूप से सभी विभागों को या निर्देश जारी कर दिए गए थे कि EWS छात्रों के प्रमाण पत्र बनाए जाए. ऐसे में बाहरी प्रदेश के सभी अधिकारी यह प्रमाण पत्र बना कर दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि संभावनाएं हैं कि मतदान में उलझे होने की वजह से दिशा निर्देश अधिकारियों तक पहुंचने में देरी हो गई हो और संभव है कि कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाए.

Intro:नई दिल्ली।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में पहली बार ईडब्ल्यूएस कोटा लागू हो रहा है. लेकिन जहां इस कोटे से छात्रों ने बहुत सी उम्मीदें लगाई थी वहीं यह कोटा महक एक कागजी कार्रवाई बनकर रह गया है
बता दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र न बनने को लेकर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र बनाने के आधिकारिक निर्देश नहीं जारी हुए हैं.



Body:वहीं ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों में आ रही परेशानी को लेकर डीयू के दाखिला समिति के शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने बताया कि क्योंकि ईडब्ल्यूएस कोटा पहली बार डीयू में लागू हो रहा है इसलिए छात्रों के पास इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं है और ना ही छात्रों को यह पता है कि यह प्रमाण पत्र किसके द्वारा बनवाया जाएगा. प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि इसके लिए सभी छात्रों को यही कहा गया है कि जो भी अथॉरिटी एससी/एसटी के प्रमाण पत्र बनाती है वही अथॉरिटी ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र भी बनाएगी, यानी न्यूनतम स्तर पर तहसीलदार और उच्च स्तर पर एसडीएम के पास यह प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली के रहने वाले छात्रों में सबसे बड़ी शिकायत है कि जब छात्र ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एसडीएम के पास जाते हैं तो एसडीएम यह कहकर इनकार कर देते हैं कि उनके पास यह प्रमाण पत्र बनाने के कोई भी आधिकारिक ऑर्डर नहीं जारी किए गए हैं.

वहीं छात्रों को कट ऑफ आने तक राहत देने के लिए शिकायत प्रोफेसर प्रकोष्ठ सदस्य यही सलाह दे रहे हैं कि ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनने के लिए जो उन्होंने आवेदन किया है उसका एक्नॉलेजमेंट ही जमा करा दें इसी से ही उनका आवेदन मान्य कर लिया जाएगा लेकिन कट ऑफ आने के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र मूल रूप से दिखाने होंगे.

वहीं एसडीएम द्वारा प्रमाण पत्र बनाए जाने से इनकार करने को लेकर प्रोफेसर वर्मा का कहना है कि आधिकारिक रूप से सभी विभागों को या निर्देश जारी कर दिए गए थे कि ईडब्ल्यूएस छात्रों के प्रमाण पत्र बनाए जाए. ऐसे में बाहरी प्रदेश के सभी अधिकारी यह प्रमाण पत्र बना कर दे रहे हैं. सबसे ज्यादा जो समस्या आ रही है वह दिल्ली क्षेत्र के छात्रों के लिए ही आ रही है. ऐसे में उन्होंने कहा कि संभावनाएं हैं कि मतदान में उलझे होने की वजह से दिशा निर्देश अधिकारियों तक पहुंचने में देरी हो गई हो और संभव है कि कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाए और जिसने भी ईडब्ल्यूएस नमन पत्र बनाने के लिए आवेदन किए हैं उन छात्रों के प्रमाण पत्र तैयार कर दिए जाए जिससे छात्रों को दाखिले के समय कोई परेशानी ना हो.


Conclusion:बता दें कि शिकायत प्रकोष्ठ समिति ने 14 जून तक चल रही आवेदन प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस की एक्नॉलेजमेंट को मान्य कर दिया है. हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कट ऑफ आने पर दाखिले के समय मूल प्रमाण पत्र दिखाने पर ही ईडब्ल्यूएस के सभी लाभ दिए जाएंगे.
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