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लालू की पार्टी में शरद यादव, चुनाव बाद होगा विलय

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Published : Mar 22, 2019, 9:55 PM IST

Updated : Mar 23, 2019, 7:15 PM IST

शरद यादव और लालू यादव के बीच अब सबकुछ पूर्ववत होता जा रहा है. चुनाव बाद शरद यादव की पार्टी राजद में विलय कर लेगी. ऐसा आश्वासन दिया गया है.

लालू प्रसाद के साथ शरद यादव. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2019 के बाद शरद यादव लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो जाएंगे. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद नेता मनोज झा ने बताया कि शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के विलय के लिए सहमत हो गए हैं.

बता दें कि शरद यादव ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अलग होने के बाद मई, 2018 में अलग पार्टी- लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का गठन किया था.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मतभेद होने के बाद शरद ने पार्टी से अलग होने का फैसला लिया था.

पीसी में संबोधन करते हुए मनोज झा.

साल 2017 में बिहार में महागठबंधन सरकार टूटने के बाद नीतीश कुमार और शरद यादव में विवाद शुरू हो गया था.

करीब 20 महीने तक चली महागठबंधन की सरकार में लालू यादव की पार्टी (RJD) और नीतीश नीत जद(यू) एक साथ रहे थे. इस सरकार में लालू के बेटे तेजस्वी उप मुख्यमंत्री भी रहे थे.

महागठबंधन से अलग होने इसके बाद से शरद गुट और नीतीश गुट में चुनाव चिह्न को लेकर विवाद हुआ था.

वर्तमान में नीतीश कुमार नीत जद(यू) के चुनाव चिह्न और पार्टी की अध्यक्षता को लेकर शरद यादव ने 2017 में चुनाव आयोग के पास शिकायत की थी.

17 नवंबर, 2017 के अपने फैसले में आयोग ने चुनाव चिह्न विवाद का मामला सुलझाया था. चुनाव आयोग ने कहा कि नीतीश को ज्‍यादा विधायकों का समर्थन हासिल है.

अपने पक्ष में फैसला नहीं आने के बाद शरद यादव ने 2017 में ही LJD का गठन किया था.

बता दें कि दिग्गज राजनेता शरद यादव 2014-2017 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. वह मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के हैं.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2019 के बाद शरद यादव लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो जाएंगे. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद नेता मनोज झा ने बताया कि शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के विलय के लिए सहमत हो गए हैं.

बता दें कि शरद यादव ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अलग होने के बाद मई, 2018 में अलग पार्टी- लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का गठन किया था.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मतभेद होने के बाद शरद ने पार्टी से अलग होने का फैसला लिया था.

पीसी में संबोधन करते हुए मनोज झा.

साल 2017 में बिहार में महागठबंधन सरकार टूटने के बाद नीतीश कुमार और शरद यादव में विवाद शुरू हो गया था.

करीब 20 महीने तक चली महागठबंधन की सरकार में लालू यादव की पार्टी (RJD) और नीतीश नीत जद(यू) एक साथ रहे थे. इस सरकार में लालू के बेटे तेजस्वी उप मुख्यमंत्री भी रहे थे.

महागठबंधन से अलग होने इसके बाद से शरद गुट और नीतीश गुट में चुनाव चिह्न को लेकर विवाद हुआ था.

वर्तमान में नीतीश कुमार नीत जद(यू) के चुनाव चिह्न और पार्टी की अध्यक्षता को लेकर शरद यादव ने 2017 में चुनाव आयोग के पास शिकायत की थी.

17 नवंबर, 2017 के अपने फैसले में आयोग ने चुनाव चिह्न विवाद का मामला सुलझाया था. चुनाव आयोग ने कहा कि नीतीश को ज्‍यादा विधायकों का समर्थन हासिल है.

अपने पक्ष में फैसला नहीं आने के बाद शरद यादव ने 2017 में ही LJD का गठन किया था.

बता दें कि दिग्गज राजनेता शरद यादव 2014-2017 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. वह मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के हैं.

Intro:Body:

party of sharad yadav ljd will merge with rjd after election




Conclusion:
Last Updated : Mar 23, 2019, 7:15 PM IST
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