विशाखापत्तनम: सांसद एमवीवी सत्यनारायण (YSRCP MP MVV Satyanarayana) की पत्नी-बेटे और सीएम जगन के करीबी माने जाने वाले ऑडिटर गन्नामणि वेंकटेश्वर राव उर्फ जीवी के अपहरण का मामला ओटीटी पर क्राइम वेब सीरीज की तरह है. सांसद की पत्नी ज्योति और बेटे चंदू को विजाग की एमवीपी कॉलोनी में उनके घर से अगवा कर लिया गया, जबकि जीवी का उस समय अपहरण कर लिया गया जब वह अपहर्ताओं को फिरौती की रकम देने गए थे.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक उन्हें क्रिकेट बैट से पीटा गया, चाकू दिखाकर डराया गया. उन्होंने पीड़िता की गर्दन पर चाकू रख कर उसके परिजनों को बुलाया. उससे बात की और सुनिश्चित किया कि किसी को अपहरण का संदेह न हो. यही मुख्य कारण है कि विशाखा जैसे शहर में भले ही सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि, सबसे प्रमुख व्यक्ति के परिवार के लोगों का अपहरण कर लिया गया हो, लेकिन दो दिनों तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी.
जिस घर में सांसद का बेटा अक्सर अपनी छुट्टियों, आराम और मौज-मस्ती के लिए इस्तेमाल करता है, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है, कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है, यह सुनसान इलाका है. इलाके में अभी तक कोई आवासीय परिसर विकसित नहीं हुआ है. रात में घोर अंधेरा रहता है, और बाहर की दुनिया को पता नहीं चलता कि अंदर क्या हो रहा है. इसी का अपहरणकर्ताओं ने फायदा उठाया.
देगा गैंग के नाम से चर्चित 8 अपराधियों ने घर में घुसकर पहले सांसद के बेटे को पकड़ा. उसे बेतहाशा पीटा. उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी और उसकी मां को वहां बुलाया. उनके आने के बाद उसने जीवी को फोन किया. उसका भी अपहरण कर लिया.
1.70 करोड़ रुपए वसूले : ऑडिटर को पीटने वाले अपराधियों ने अंधाधुंध तरीके से जान से मारने की धमकी दी और 1.70 करोड़ रुपये की फिरौती भी ले ली. सांसद की पत्नी के सारे जेवरात ले गए. यह सारा पैसा पीड़ितों के सामने बांटा गया. गैंगस्टर हेमंत और गजुवाका राजेश ने बड़ी हिस्सेदारी ली और छोटी रकम दूसरों को बांट दी.
इसी क्रम में एक गैंगस्टर ने अपने एक बंधक को अपनी पूर्व प्रेमिका को 40 लाख रुपये देने को कहा. गैंगस्टर ने उसे अपनी पूर्व प्रेमिका को बुलाने के लिए कहा. जब उसने जोर देकर कहा कि वह इस तरह के अपहरण के मामलों से पैसा नहीं चाहती है, तो उसने बंधक को यह बताने के लिए कहा कि उसे पूर्व में पैसे देने थे. आरोपियों में से एक गजुवाका राजेश का नाम लेते ही, पीड़ित अभी भी उसके क्रूर व्यवहार के बारे में सोच कर कांप रहे हैं.
अपराधियों ने धमकाया-पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी : शराब और गांजा पीने वाले बदमाशों ने ढाई दिन तक बंदी बनाकर रखे गए सांसद के बेटे और ऑडिटर जीवी की जमकर पिटाई की. कह रहे थे कि सिस्टम और पुलिस कुछ नहीं कर सकती. उन्होंने धमकी दी कि 'पूरे राज्य में हमारे गिरोह हैं. अपहरणकर्ताओं से लंबे संपर्क हैं. भले ही पुलिस हमारे खिलाफ मामला दर्ज करे, हम एक महीना जेल में बिताएंगे और बाहर निकल जाएंगे. इससे ज्यादा कुछ नहीं.'
जब उन्हें शक हुआ कि पुलिस को अपहरण के मामले की जानकारी हो गई है तो अपहरणकर्ताओं ने सांसद के बेटे के हाथ-पैर बांध दिए और उसे कार की डिग्गी में डाल दिया. उन्होंने जीवी को भी डिग्गी में डालने की कोशिश की. लेकिन उसने कहा कि अगर ऐसा किया तो वह मर जाएगा. वह चाहता है कि उसे अंदर बैठने दिया जाए. इस पर उन लोगों ने उसे अंदर बैठने दिया.
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