हरिपाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल में कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून नहीं लाने पर राज्य के दोनों प्रतिद्वंद्वी मोर्चों एलडीए और यूडीएफ पर निशाना साधा. उन्होंने केरल के अपने समकक्ष पिनराई विजयन पर भी हमला करते हुए आरोप लगाया कि उनका कार्यालय सोने की तस्करी में शामिल रहा है.
केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे योगी आदित्यनाथ ने अलप्पुझा जिले के हरिपाद में भाजपा की रैली को संबेाधित करते हुए कहा कि सोने की तस्करी का मामला भारत के इतिहास की सबसे ‘शर्मनाक’ घटना है.
उल्लेखनीय है कि केरल में सोने की तस्करी का मामला पिछले साल तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर जब्त 30 किलोग्राम सोने से जुड़ा है जिसकी कीमत 14.8 करोड़ रुपये है. इस मामले की जांच विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं और प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ संबंध होने के आरोप में मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को गिरफ्तार किया गया था.
माकपा नीत सत्तारूढ़ लोकतांत्रिक वाम मोर्चे (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों की उनकी सरकार द्वारा लाए कानून के अनुरूप ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून को लागू करने में कोई रुचि नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2009 में केरल उच्च न्यायालय ने लव जिहाद के खिलाफ टिप्पणी की थी लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू किया गया है. उन्होंने सवाल किया कि केरल में इसे क्यों नहीं लागू किया जा रहा?
यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जानते हुए भी कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) जैसे संगठन कथित रूप से गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. राज्य को खतरनाक स्थिति में धकेला जा रहा है, दोनों मोर्चों ने आंखों पर पट्टी बांध ली है और उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने में असफल हुए हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति को बचाने के लिए हो रहा है. उन्होंने दोनों मोर्चों पर राज्य के लोगों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया. राज्य की वाम मोर्चा सरकार पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी से निपटने में पूरी तरह से असफल हुई है. यह दिखाता है कि राज्य की व्यवस्था ‘पूरी तरह से विफल’ है.
उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ पांच साल के समझौते के तहत बारी-बारी से सत्ता में आते हैं और उनका लक्ष्य भाई-भतीजावाद का पक्ष लेना और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करना होता है. उन्हें बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की कोई चिंता नहीं है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मोर्चे विकास के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं बल्कि उनका मुकाबला भ्रष्टाचार में, केंद्रीय कोष के दुरुपयोग एवं उस राशि को अपने कार्यकर्ताओं के लिए इस्तेमाल करने तथा राज्य के लोगों के लिए नहीं करने में है.
उन्होंने कहा कि एक ही विकल्प है कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को केरल की सत्ता में लाया जाए जो राज्य को विकास के पथ पर ले जा सकता है. राज्य के किसानों की मदद कर सकता है. मछुआरों के हित की रक्षा कर सकता है और बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने में मदद कर सकता है.
यह भी पढ़ें-पीएम मोदी ने ममता से पूछा, क्या दीदी दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से भी नामांकन करोगी ?
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य लोक सेवा आयोग बेरोजगारों को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं दे रहा बल्कि एलडीएफ काडर को नौकरी बांट रहा है.