ETV Bharat / bharat

सूत का जादूगर: चारपाई में बनाया ताजमहल और राजस्थान का नक्शा...सिहोड़िया के कलाकार विक्रम का अद्भुत हुनर - yarn artist Vikram singh of jhunjhunu

सिंघाना के कलाकार की कला उनके रोजगार का साधन बन गई है. सिहोड़ियों की ढाणी के विक्रम सिंह ने सूत की रस्सी से चारपाइयों पर अद्भुत आकृतियां उकेर कर लोगों को अपनी कला का कायल कर दिया है. इसके अलावा शादी समारोह में प्रयोग होने वाली तमाम वस्तुएं भी वे सूत की मदद से बनाते हैं और यही उनके गुजर बसर का जरिया बन गया है.

yarn artist Vikram singh of jhunjhunu
सूत का जादूगर: चारपाई में बनाया ताजमहल और राजस्थान का नक्शा...सिहोड़िया के कलाकार विक्रम का अद्भुत हुनर
author img

By

Published : Feb 22, 2022, 11:39 AM IST

सिंघाना (झुंझुनू). सच ही कहा जाता है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. गांव में कम संसाधनों के साथ भी हुनरमंद अपनी कला के जादू से सभी का दिल जीत लेता है. ऐसे ही एक कलाकार अपनी परंपरागत कला को आगे बढ़ा रहे हैं. सिंघाना पंचायत समिति में सिहोड़िया की ढाणी के विक्रम सिंह ने सूत की रस्सी से चारपाई में ऐसी कलाकारी की है कि देखने वाले तारीफ किए बगैर नहीं रह सकते.

यह कला भी सिर्फ एक शादी में आई चारपाई को देखकर ही उन्होंने सीख ली. पहले पहल तो चारपाई में सिर्फ परिवार जनों के नाम ही लिखा करते थे लेकिन धीरे-धीरे जज्बा और लगन से कार्य को आगे बढ़ाया. अब वे चारपाई में ताजमहल का चित्र, राजस्थान का नक्शा, इंडिया गेट, भारत का नक्शा सहित अनेक चित्र उकेर लेते हैं. चारपाई में रस्सियों की चित्रकारी ऐसी है कि लोग देखने के लिए खींचे चले आते हैं.

विक्रम सिंह ने बताया मेरे पिता ज्वाला राम वह माता कमला देवी सहित परिवार के सभी लोग इस कला से जुड़े हुए हैं हमारा परिवार परंपरागत कार्य कर रहा हैं उन्होंने बोतल में ही चारपाई वह अन्य छोटे आइटम भी डाल रखा है वह चारपाई में जानवरों की तस्वीरें हाथी घोड़ा ऊंट भालू मोर चिड़िया खरगोश भी चारपाई में रस्सीयो द्वारा बनाई हुई है.

दुर्लभ सिक्कों और पुराने सामान का है खजाना
एक छोटी सी ढाणी में विक्रम सिंह के पास दुर्लभ सिक्कों का ऐसा खजाना है जो एकत्र करना मुश्किल होता है. पुराने जमाने के एक पैसे से लेकर पहले प्रचलित सभी सिक्के तथा पुराने जमाने के कई विदेशी नोट भी इन्होंने संग्रहित किया है. गांव में काम आने वाले पुराने जमाने के ढकोले, छाबड़ी, ईन्डी, सिगड़ी, गोपिया, झान्झ, गलीचे भी इन्होंने बनाए हुए हैं.

चारपाई पर उकेरी तस्वीरें

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा की बांस की बोतल को मिलेगा तकनीक का सहारा

चारपाइयां और अन्य सामान बन रही आय का जरिया
गांव में बेटियों की शादी में लगने वाले सामान के अलावा सजावट सामग्री बनाकर ये अपना गुजर बसर करते हैं. विक्रम सिंह ने बताया कि कई लोग तो पहले से ही बुकिंग करवाकर ऐसी चारपाइयां बनवाते हैं. कुछ सामान मेले में दुकान लगाने वाले भी लेकर जाते हैं तथा वहां पर विदेशी लोग ऐसे सामान को जल्दी खरीदते हैं. ऐसे सामान की बिक्री से परिवार को आय भी होने लगी है.

सिंघाना (झुंझुनू). सच ही कहा जाता है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. गांव में कम संसाधनों के साथ भी हुनरमंद अपनी कला के जादू से सभी का दिल जीत लेता है. ऐसे ही एक कलाकार अपनी परंपरागत कला को आगे बढ़ा रहे हैं. सिंघाना पंचायत समिति में सिहोड़िया की ढाणी के विक्रम सिंह ने सूत की रस्सी से चारपाई में ऐसी कलाकारी की है कि देखने वाले तारीफ किए बगैर नहीं रह सकते.

यह कला भी सिर्फ एक शादी में आई चारपाई को देखकर ही उन्होंने सीख ली. पहले पहल तो चारपाई में सिर्फ परिवार जनों के नाम ही लिखा करते थे लेकिन धीरे-धीरे जज्बा और लगन से कार्य को आगे बढ़ाया. अब वे चारपाई में ताजमहल का चित्र, राजस्थान का नक्शा, इंडिया गेट, भारत का नक्शा सहित अनेक चित्र उकेर लेते हैं. चारपाई में रस्सियों की चित्रकारी ऐसी है कि लोग देखने के लिए खींचे चले आते हैं.

विक्रम सिंह ने बताया मेरे पिता ज्वाला राम वह माता कमला देवी सहित परिवार के सभी लोग इस कला से जुड़े हुए हैं हमारा परिवार परंपरागत कार्य कर रहा हैं उन्होंने बोतल में ही चारपाई वह अन्य छोटे आइटम भी डाल रखा है वह चारपाई में जानवरों की तस्वीरें हाथी घोड़ा ऊंट भालू मोर चिड़िया खरगोश भी चारपाई में रस्सीयो द्वारा बनाई हुई है.

दुर्लभ सिक्कों और पुराने सामान का है खजाना
एक छोटी सी ढाणी में विक्रम सिंह के पास दुर्लभ सिक्कों का ऐसा खजाना है जो एकत्र करना मुश्किल होता है. पुराने जमाने के एक पैसे से लेकर पहले प्रचलित सभी सिक्के तथा पुराने जमाने के कई विदेशी नोट भी इन्होंने संग्रहित किया है. गांव में काम आने वाले पुराने जमाने के ढकोले, छाबड़ी, ईन्डी, सिगड़ी, गोपिया, झान्झ, गलीचे भी इन्होंने बनाए हुए हैं.

चारपाई पर उकेरी तस्वीरें

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा की बांस की बोतल को मिलेगा तकनीक का सहारा

चारपाइयां और अन्य सामान बन रही आय का जरिया
गांव में बेटियों की शादी में लगने वाले सामान के अलावा सजावट सामग्री बनाकर ये अपना गुजर बसर करते हैं. विक्रम सिंह ने बताया कि कई लोग तो पहले से ही बुकिंग करवाकर ऐसी चारपाइयां बनवाते हैं. कुछ सामान मेले में दुकान लगाने वाले भी लेकर जाते हैं तथा वहां पर विदेशी लोग ऐसे सामान को जल्दी खरीदते हैं. ऐसे सामान की बिक्री से परिवार को आय भी होने लगी है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.