हैदराबादः दुनिया के कई हिस्सों में लगातार संघर्ष जारी रहता है. इस कारण बड़ी आबादी को देश के भीतर और बाहर विस्थापित होकर जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इन संघर्षों के दौरान विस्थापितों में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बीमार और दिव्यांगों को होता है. युद्ध-संघर्षों के दौरान अनाथ बच्चों का जीवन पूरी तरह से तबाह हो जाती है. उन बच्चों की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए हर साल 6 जनवरी को विश्व युद्ध अनाथ दिवस मनाया जाता है.
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"Capturing moments of hope and resilience on World Day of War Orphans. 📸✨ At Kodakco, we believe in the power of storytelling through images, echoing the strength of every war orphan's journey. Join us in raising awareness and support. #WorldDayofWarOrphans #KodakcoCares" pic.twitter.com/BcNUNyWLN7
— Kodakco Academy (@kodakco_) January 5, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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विश्व युद्ध अनाथ दिवस से जुड़े तथ्य
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार गाजा के 23 लाख लोगों में से 90 फीसदी से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. वहां इनमें से कई लोग अब तीसरी या चौथी बार पलायन कर चुके हैं.
- यूएनएचसीआर के अनुसार हर 2 सेकंड में एक व्यक्ति विस्थापित हो जाता है. यानि हर मिनट 30 नये लोग विस्थापित हो जाते हैं.
- यूनिसेफ के डेटा के अनुसार संघर्ष प्रभावित देशों में 25 करोड़ से अधिक बच्चे रहते हैं.
- दुनिया के 4 बच्चों में से एक संघर्ष या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं.
- अभूतपूर्व रूप से 6.85 करोड़ लोगों कई कारणों से अपने घरों से विस्थापित होना पड़ता है.
- इनमें 2.54 करोड़ शरणार्थी हैं, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं.
- अकेले यूरोप (यूरोपोल) में 10,000 प्रवासी बच्चे लापता हैं.
- युद्ध व अन्य संघर्षों के कारण अनाथ हुए बच्चों की स्थिति में सुधार लाने के लिए विश्व युद्ध अनाथ दिवस मनाया जाता है.
- फ्रांसीसी संस्था एसओएस एनफैंट्स एन डिट्रेसेस की ओर से विश्व युद्ध अनाथ दिवस स्थापित किया गया है.
- विश्व युद्ध अनाथ दिवस के अवसर पर प्रभावित बच्चों के लिए नीति निर्माताओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने, उपलब्ध नीतियों को लागू करने, फंड उपलब्ध कराने के संबंध में प्रयास किया जाता है.
युद्ध अनाथों के लिए वैश्विक पहलः टाइम लाइन
- 400 ई के करीब रोमन साम्राज्य की ओर से विधवाओं और सैन्य सेवा में युद्ध के दौरान मारे गये लोगों के सभी अनाथ परिजनों के लिए पहला अनाथालय खुला था.
- 1741 में अनाथों की सेवा करने वाली पहली बार धर्मार्थ संस्था, द फाउंडलिंग हॉस्पिटल स्थापित किया गया था.
- 1800 के दशक में पहली बार जरूरत मंदों के पालन-पोषण देखभाल के लिए अनाथ आश्रमों और भिक्षागृहों बढ़ावा दिया. चार्ल्स लोरिंग ब्रेस का इस पहल में बड़ा योगदान है.
- द्वितीय विश्व युद्ध के कारण यूरोप में एक करोड़ से ज्यादा लोग अनाथ हो गया थे.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार आंकड़ों में विस्थापन
- संघर्ष, हिंसा, उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन के कारण 2021 के अंत तक 8.29 करोड़ लोग जबरन विस्थापित हुए.
- यूक्रेन में जारी संघर्ष के कारण 0.7 करोड़ लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.
- अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के कारण 35 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.
- इथियोपिया में 2 करोड़ लोगों को भोजन, स्वास्थ्य सुविधआ और आश्रय सहित तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
अनाथों के मौजूदा कानूनी अधिकार
- जीवन का अधिकार
- स्वास्थ्य का अधिकार
- नागरिकता का अधिकार
- शोषण से सुरक्षा
- शिक्षा का अधिकार
- अनाथालय और अन्य धर्मार्थ गृह अधिनियम, 1960
अन्य प्रासंगिक कानून
- किशोर न्याय अधिनियम 2015
- अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956
- बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
- बाल श्रम अधिनियम 1986
- POCSO अधिनियम 2012
- अनाथ बच्चा विधेयक