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World Bamboo Day 2023 : जानें आज ही के दिन क्यों मनाते हैं विश्व बांस दिवस

बांस की खेती (Bamboo Cultivation) को लाभदायक बनाने के उद्देश्य से कई सालों से सरकारी-गैर सरकारी पर काम जारी है. 2018-19 में राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) की शुरूआत की गई. इसके मदद से बांस की खेती के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. आज ही के दिन विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day 2023) मनाने का क्या उद्देश्य है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

World Bamboo Day 2023
विश्व बांस दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 9:18 AM IST

Updated : Oct 13, 2023, 5:13 PM IST

हैदराबाद : दुनिया भर में बांस की सैकड़ों प्रजातियां पायी जाती हैं. इनमें से कुछ प्रजातियां ही किसानों के लिए फायदेमंद हैं. बांस का उपयोग कई कामों के लिए किया जाता है. घर बनाने, घरेलू उत्पाद बनाने, सब्जी व अन्य भोज्य पदार्थ के रूप में, कागज-अगरबत्ती सहित अन्य वस्तुओं के उप्तादन में कच्चे माल के रूप में अलावा भी बांस कई कामों में उपयोग किया जाता है. बांस एक ओर किसानों के लिए आय का एक बेहतर माध्यम वहीं पर्यावरण के दृष्टि से भी लाभदायक है.

विश्व बांस दिवस का इतिहास : 2009 में थाईलैंड में विश्व बांस कांग्रेस (World Bamboo Congress) के आठवें अधिवेशन में बांस की महत्ता को चिह्नित करने के लिए 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day) मनाने का फैसला किया गया. इसी के बाद से हर साल दुनिया भर में आज के दिन विश्व बांस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान कई प्रकार के आयोजन जैसे सेमिनार, वर्कशॉप, बांस उत्पादों की प्रदर्शनी सहित कई आयोजन किये जाते हैं.

बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन, नीति आयोग, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से संयुक्त रूप से 20-26 फरवरी को 'भारत में बांस के लिए राष्ट्रीय परामर्श के अवसर और चुनौतियां' शीर्षक से तैयार नोट के अनुसार बांस की खेती से किसानों को फायदा होगा. इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे साथ ही पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

  • Celebrating World Bamboo Day tomorrow. As a proud Northeasterner, I can't help but share my love for bamshootshoot, our Earth's favorite dish that also purifies the air. Let's cherish the beauty and sustainability of bamboo on this special day.#WorldBambooDay #BambooLove pic.twitter.com/ovpLDJdhFF

    — Virginia Pator (@Drvirginiapsy1) September 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांस के बारे कुछ खास तथ्य

  • भारत में बांस की 130 से ज्यादा प्रजातियां प्रचलन में है.
  • देश में उपलब्ध बांसों की कुल प्रजातियों में 10-15 फीसदी का ही उपयोग ज्यादातर उद्योगों में होता है.
  • भारत में सबसे अधिक क्षेत्रफल में बांस की खेती होती है.
  • डेटा के अनुसार देश में 13.96 मिलियन हेक्टेयर (139.600 लाख हेक्टेयर) में बांस की खेती होती है.
  • भारत सरकार की ओर से 2011 में संपन्न वन सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी बांस की खेती पूर्वी भारत में हो रही है. इनमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, असम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल है.
  • बांस की खेती को लाभदायक बनाने के लिए 2018-19 में देश राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) लॉन्च किया गया.
  • 2018 में बांस की कटाई-बिक्री व परिवहन को सुलभ बनाने के लिए भारतीय वन अधिनियम 1927 (Indian Forest Act 1927) में संशोधन किया गया. इससे बांस वृक्ष की श्रेणी से बाहर हो गया. इसके बाद बांस के व्यापार पर कई अड़चनें दूर हो गई.
  • नॉर्थ-ईस्ट रीजन, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु और केरल मं राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं.
  • बांस पर आधारित अगरबत्ती उद्योग, कुटिर उद्योग की श्रेणी में है. सरकार के अनुसार इसमें 20 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में अगरबत्ती निर्यात 1000 करोड़ रुपये पहुंच गया था. आन वाले 5 साल में इस क्षेत्र में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate-CAGR) 15 फीसदी रहने का अनुमान है. इस आधार पर निर्यात का आंकड़ा 5 साल में 12,000 करोड़ पहुंचने का अनुमान है.
    • A Round Table discussion on forest & agro forest value chain Development happened at Kumarghat Industrial Estate in Unakuti district. Honored to have high officials from Industry and Forest Department, as well as investors, join the conversation..
      #forestry #agroforestry pic.twitter.com/svlTFHwcrV

      — Tripura Bamboo Mission (@TripuraBamboo1) August 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • 2009 में अगरबत्ती को हैंडीक्राफ्ट उत्पाद की श्रेणी में शामिल करने के बाद इस उद्योग से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है. इसका लाभ अप्रत्यक्ष रूप से बांस उत्पादकों को भी हुआ.
  • सरकार की ओर से अगरबत्ती उत्पाद निर्यात में भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इससे बांस की मांग बढ़ी है.
  • बांस से तैयार फर्नीचर को देश-विदेश में लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसे बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों की ओर से कदम उठाये जा रहे हैं. इससे किसानों और बांस उत्पाद तैयार करने वाले श्रमिकों को फायदा हो रहा है.
  • बांस से कई आकर्षक लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट्स तैयार किये जाते हैं.
  • बांस से कागज तैयार किया जाता है. भारत का घरेलू कागज उद्योग 80,000 करोड़ रुपये का है. पहले प्रति भारतीय 14 किलो कागज का उपभोग करते थे, वह 2025 तक 17 किलो तक पहुंचने का अनुमान है.
  • बांस उत्पाद से कई खाने वाले प्रोडक्ट्स तैयार होते हैं. बांस से बायो फ्यूल सहित उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं.

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World Bamboo Day: कभी बांस के व्यापार का केंद्र था पलामू, कुछ इलाकों में सिमट गए हैं जंगल

हैदराबाद : दुनिया भर में बांस की सैकड़ों प्रजातियां पायी जाती हैं. इनमें से कुछ प्रजातियां ही किसानों के लिए फायदेमंद हैं. बांस का उपयोग कई कामों के लिए किया जाता है. घर बनाने, घरेलू उत्पाद बनाने, सब्जी व अन्य भोज्य पदार्थ के रूप में, कागज-अगरबत्ती सहित अन्य वस्तुओं के उप्तादन में कच्चे माल के रूप में अलावा भी बांस कई कामों में उपयोग किया जाता है. बांस एक ओर किसानों के लिए आय का एक बेहतर माध्यम वहीं पर्यावरण के दृष्टि से भी लाभदायक है.

विश्व बांस दिवस का इतिहास : 2009 में थाईलैंड में विश्व बांस कांग्रेस (World Bamboo Congress) के आठवें अधिवेशन में बांस की महत्ता को चिह्नित करने के लिए 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (World Bamboo Day) मनाने का फैसला किया गया. इसी के बाद से हर साल दुनिया भर में आज के दिन विश्व बांस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान कई प्रकार के आयोजन जैसे सेमिनार, वर्कशॉप, बांस उत्पादों की प्रदर्शनी सहित कई आयोजन किये जाते हैं.

बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन, नीति आयोग, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से संयुक्त रूप से 20-26 फरवरी को 'भारत में बांस के लिए राष्ट्रीय परामर्श के अवसर और चुनौतियां' शीर्षक से तैयार नोट के अनुसार बांस की खेती से किसानों को फायदा होगा. इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे साथ ही पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

  • Celebrating World Bamboo Day tomorrow. As a proud Northeasterner, I can't help but share my love for bamshootshoot, our Earth's favorite dish that also purifies the air. Let's cherish the beauty and sustainability of bamboo on this special day.#WorldBambooDay #BambooLove pic.twitter.com/ovpLDJdhFF

    — Virginia Pator (@Drvirginiapsy1) September 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांस के बारे कुछ खास तथ्य

  • भारत में बांस की 130 से ज्यादा प्रजातियां प्रचलन में है.
  • देश में उपलब्ध बांसों की कुल प्रजातियों में 10-15 फीसदी का ही उपयोग ज्यादातर उद्योगों में होता है.
  • भारत में सबसे अधिक क्षेत्रफल में बांस की खेती होती है.
  • डेटा के अनुसार देश में 13.96 मिलियन हेक्टेयर (139.600 लाख हेक्टेयर) में बांस की खेती होती है.
  • भारत सरकार की ओर से 2011 में संपन्न वन सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी बांस की खेती पूर्वी भारत में हो रही है. इनमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, असम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल है.
  • बांस की खेती को लाभदायक बनाने के लिए 2018-19 में देश राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) लॉन्च किया गया.
  • 2018 में बांस की कटाई-बिक्री व परिवहन को सुलभ बनाने के लिए भारतीय वन अधिनियम 1927 (Indian Forest Act 1927) में संशोधन किया गया. इससे बांस वृक्ष की श्रेणी से बाहर हो गया. इसके बाद बांस के व्यापार पर कई अड़चनें दूर हो गई.
  • नॉर्थ-ईस्ट रीजन, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु और केरल मं राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं.
  • बांस पर आधारित अगरबत्ती उद्योग, कुटिर उद्योग की श्रेणी में है. सरकार के अनुसार इसमें 20 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में अगरबत्ती निर्यात 1000 करोड़ रुपये पहुंच गया था. आन वाले 5 साल में इस क्षेत्र में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate-CAGR) 15 फीसदी रहने का अनुमान है. इस आधार पर निर्यात का आंकड़ा 5 साल में 12,000 करोड़ पहुंचने का अनुमान है.
    • A Round Table discussion on forest & agro forest value chain Development happened at Kumarghat Industrial Estate in Unakuti district. Honored to have high officials from Industry and Forest Department, as well as investors, join the conversation..
      #forestry #agroforestry pic.twitter.com/svlTFHwcrV

      — Tripura Bamboo Mission (@TripuraBamboo1) August 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • 2009 में अगरबत्ती को हैंडीक्राफ्ट उत्पाद की श्रेणी में शामिल करने के बाद इस उद्योग से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है. इसका लाभ अप्रत्यक्ष रूप से बांस उत्पादकों को भी हुआ.
  • सरकार की ओर से अगरबत्ती उत्पाद निर्यात में भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इससे बांस की मांग बढ़ी है.
  • बांस से तैयार फर्नीचर को देश-विदेश में लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसे बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों की ओर से कदम उठाये जा रहे हैं. इससे किसानों और बांस उत्पाद तैयार करने वाले श्रमिकों को फायदा हो रहा है.
  • बांस से कई आकर्षक लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट्स तैयार किये जाते हैं.
  • बांस से कागज तैयार किया जाता है. भारत का घरेलू कागज उद्योग 80,000 करोड़ रुपये का है. पहले प्रति भारतीय 14 किलो कागज का उपभोग करते थे, वह 2025 तक 17 किलो तक पहुंचने का अनुमान है.
  • बांस उत्पाद से कई खाने वाले प्रोडक्ट्स तैयार होते हैं. बांस से बायो फ्यूल सहित उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं.

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Last Updated : Oct 13, 2023, 5:13 PM IST
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