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Female Sterilization In Nawada: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, बंध्याकरण के बाद महिलाओं ने जमीन पर गुजारी रात

बिहार में स्वास्थ्य विभाग का हाल किसी से छुपा नहीं है. सरकार के बड़े-बड़े दावों के बीच अक्सर सरकारी हॉस्पिटल से डॉक्टरों की लापरवाही और अव्यवस्था की तस्वीर सामने आती है. एक बार फिर बिहार के नवादा से सरकारी अस्पताल की लापरवाही और संवेदनहीनता की खबर सामने आई है, जहां बंध्याकरण कराने के बाद कई महिलाओं को जमीन पर ही रात गुजारनी रड़ी.

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Published : Feb 8, 2023, 3:23 PM IST

नवादा में बंध्याकरण के बाद महिलाओं को नहीं मिला बेड

नवादा: बिहार के नवादा में मंगलवार को रजौली स्वास्थ्य केंद्र (health department negligence in nawada) में महिलाओं का बंध्याकरण करने के बाद जमीन पर तड़पने के लिए छोड़ दिया गया. इन मरीजों को बेड तक नसीब नहीं हुआ. ठंड में फर्श पर ही जानवरों की तरह इन्होंने जैसे-तैसे रात गुजारी. बताया जाता है कि डॉक्टरों की लापरवाही और अनुपस्थिति के कारण ऐसा हुआ है.

ये भी पढ़ेंः ड्यूटी से गायब थे डॉक्टर, अस्पताल में प्रसूता की हो गई मौत, परिजनों ने किया हंगामा

कुल 25 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण : दरअसल मंगलवार को रजौली स्वास्थ्य केंद्र में कुल 25 महिलाओं का बंध्याकरण का ऑपरेशनहुआ था. इनमें से 12 महिलाओं को बेड नहीं मिला. मरीजों के परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में सबको फर्श पर ही लेटा दिया गया. परिजन ने ये भी बताय कि ऑपरेशन के बाद मरीजों की देखरेख के लिए स्वास्थ्य केंद्र का एक भी कर्मी उपस्थित नहीं था. यहां तक की डॉकटर भी मौजूद नहीं थे. एक घंटे तक बिना किसी स्‍टाफ के अस्पताल में मरीजों को छोड़ दिया गया था.

मांगने पर भी नहीं मिला बेडः इस घटना के बाद बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं के परिजन अस्पताल प्रबंधन से काफी नाराज दिखे. परिजनों ने कहा कि हमलोगों ने बेड की भी मांग की, लेकिन चिकित्सक एएनएम द्वारा बेड उपलब्ध नहीं रहने की बात कही गई, रात से सभी महिलाएं जमीन पर ही पड़ी हैं. वहीं, मौजूद महिलाओं ने बताया कि हमारे परिजन ऑपरेशन के बाद बेड की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी को बेड नहीं मिला, उल्टे कहा गया कि जो व्यवस्था है, उसी में मैनेज करना होगा.

"रजौली से आए हैं अपनी बहू का ऑपरेशन कराने, ऑपेशन तो हो गया लेकिन उसके बाद बेड नहीं मिला. कोई डॉक्टर भी नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है यहां, ऑपरेशन के बाद ऐसे ही जमीन पर लेटा दिया गया. बेड नहीं मिला बोला गया कि बेड नहीं है"- परिजन

ड्यूटी पर नहीं आए थे डॉक्टरः इस मामले में जब डॉ. श्याम नंदन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुल 25 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था. सुबह में उनकी ड्यूटी थी. ड्यूटी के बाद वह सीधा अपने रूम पर चले गए. अचानक उन्हें आठ बजे फोन आया कि कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया है. मरीजों की संख्या बढ़ गई है और लोगों को परेशानी हो रही है. रोस्टर के अनुसार आठ बजे रात में डॉक्टर सतीश कुमार चंद्रा की ड्यूटी थी लेकिन लेकिन वह बिहारशरीफ के एक निजी अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं और अस्पताल नहीं पहुंचे हैं. इसके बाद उन्हें ही दोबारा अस्पताल आना पड़ा.

"हम ऑपरेशन करके रूम पर चले आए थे. आठ बजे हमको फोन आया कि कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया है. मरीजों की संख्या बढ़ गई है और लोगों को परेशानी हो रही है. रोस्टर के अनुसार आठ बजे रात में डॉक्टर सतीश कुमार चंद्रा की ड्यूटी थी लेकिन वह नहीं आए थे. इसके बाद हमको ही दोबारा अस्पताल आना पड़ा"- डॉ. श्याम नंदन, चिकित्सक

नवादा में बंध्याकरण के बाद महिलाओं को नहीं मिला बेड

नवादा: बिहार के नवादा में मंगलवार को रजौली स्वास्थ्य केंद्र (health department negligence in nawada) में महिलाओं का बंध्याकरण करने के बाद जमीन पर तड़पने के लिए छोड़ दिया गया. इन मरीजों को बेड तक नसीब नहीं हुआ. ठंड में फर्श पर ही जानवरों की तरह इन्होंने जैसे-तैसे रात गुजारी. बताया जाता है कि डॉक्टरों की लापरवाही और अनुपस्थिति के कारण ऐसा हुआ है.

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कुल 25 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण : दरअसल मंगलवार को रजौली स्वास्थ्य केंद्र में कुल 25 महिलाओं का बंध्याकरण का ऑपरेशनहुआ था. इनमें से 12 महिलाओं को बेड नहीं मिला. मरीजों के परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में सबको फर्श पर ही लेटा दिया गया. परिजन ने ये भी बताय कि ऑपरेशन के बाद मरीजों की देखरेख के लिए स्वास्थ्य केंद्र का एक भी कर्मी उपस्थित नहीं था. यहां तक की डॉकटर भी मौजूद नहीं थे. एक घंटे तक बिना किसी स्‍टाफ के अस्पताल में मरीजों को छोड़ दिया गया था.

मांगने पर भी नहीं मिला बेडः इस घटना के बाद बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं के परिजन अस्पताल प्रबंधन से काफी नाराज दिखे. परिजनों ने कहा कि हमलोगों ने बेड की भी मांग की, लेकिन चिकित्सक एएनएम द्वारा बेड उपलब्ध नहीं रहने की बात कही गई, रात से सभी महिलाएं जमीन पर ही पड़ी हैं. वहीं, मौजूद महिलाओं ने बताया कि हमारे परिजन ऑपरेशन के बाद बेड की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी को बेड नहीं मिला, उल्टे कहा गया कि जो व्यवस्था है, उसी में मैनेज करना होगा.

"रजौली से आए हैं अपनी बहू का ऑपरेशन कराने, ऑपेशन तो हो गया लेकिन उसके बाद बेड नहीं मिला. कोई डॉक्टर भी नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है यहां, ऑपरेशन के बाद ऐसे ही जमीन पर लेटा दिया गया. बेड नहीं मिला बोला गया कि बेड नहीं है"- परिजन

ड्यूटी पर नहीं आए थे डॉक्टरः इस मामले में जब डॉ. श्याम नंदन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुल 25 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था. सुबह में उनकी ड्यूटी थी. ड्यूटी के बाद वह सीधा अपने रूम पर चले गए. अचानक उन्हें आठ बजे फोन आया कि कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया है. मरीजों की संख्या बढ़ गई है और लोगों को परेशानी हो रही है. रोस्टर के अनुसार आठ बजे रात में डॉक्टर सतीश कुमार चंद्रा की ड्यूटी थी लेकिन लेकिन वह बिहारशरीफ के एक निजी अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं और अस्पताल नहीं पहुंचे हैं. इसके बाद उन्हें ही दोबारा अस्पताल आना पड़ा.

"हम ऑपरेशन करके रूम पर चले आए थे. आठ बजे हमको फोन आया कि कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया है. मरीजों की संख्या बढ़ गई है और लोगों को परेशानी हो रही है. रोस्टर के अनुसार आठ बजे रात में डॉक्टर सतीश कुमार चंद्रा की ड्यूटी थी लेकिन वह नहीं आए थे. इसके बाद हमको ही दोबारा अस्पताल आना पड़ा"- डॉ. श्याम नंदन, चिकित्सक

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