हैदराबाद : थावर चंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और डॉ हर्षवर्धन समेत 12 नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इनमें से सिर्फ गहलोत को नई जिम्मेवारी दी गई है. उन्हें कर्नाटक का गवर्नर बनाया गया है. बाकी के नेताओं का क्या होगा, अभी तक स्थिति साफ नहीं है. हालांकि, कयासों का दौर जारी है.
इन चार नेताओं के अलावा संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, रतनलाल कटारिया, बाबुल सुप्रियो, रमेश पोखरियाल निशंक, संजय धोत्रे, प्रतापचंद सारंगी और देबोश्री शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो इनमें से कई नेताओं को पार्टी में जिम्मेदारी दी जा सकती है.
सिद्धान्ततः पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' का नियम लागू है.
पार्टी संगठन में किस व्यक्ति को कौन-सी जिम्मेवारी दी जाएगी, इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष करते हैं.
थावर चंद गहलोत के जाने से राज्यसभा और भाजपा संसदीय बोर्ड में सीट खाली हो गई है. संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है. संसदीय बोर्ड में 10 सदस्य होते हैं.
अभी संसदीय बोर्ड में सात सदस्य हैं. ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और बीएल संतोष. यानी तीन नेताओं को इसमें समायोजित किया जा सकता है.
पार्टी में कुल आठ महासचिव, 12 उपाध्यक्ष और 13 सचिव हैं.
अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिुपर में चुनाव होने हैं. अगले साल के आखिर में गुजरात में चुनाव होने हैं.
अब सवाल ये है कि जिन नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है, इनमें से किन-किन को संगठन की जिम्मेवारी दी जाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा.
प्रकाश जावड़ेकर पार्टी के प्रवक्ता के साथ-साथ दूसरे राज्यों के प्रभारी भी रह चुके हैं. हर्षवर्धन दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि हो सकता है उनकी साफ-सुथरी छवि का इस्तेमाल दिल्ली प्रदेश में किया जा सकता है.