दिल्ली/पटना: गोपलगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. उमा कृष्णैया ने पूर्व सांसद आनंद मोहन को वापस जेल में डालने की मांग की है. उमा ने बिहार सरकार के नियमों में परिवर्तन के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है. दरअसल बिहार सरकार ने जेल मैनुअल में संशोधन कर आनंद मोहन को रिहा किया है. इसके खिलाफ उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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IAS officer G Krishnaiah's wife Uma Krishnaiah moves Supreme Court challenging the premature release of Bihar politician Anand Mohan Singh from prison. pic.twitter.com/AnZ73OQiY4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका: आनंद मोहन की रिहाई के बाद जी कृष्णैया की पत्नी के साथ ही पूरे परिवार ने इस फैसले का विरोध किया था और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी. उमा कृष्णैया ने कहा था कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. आनंद मोहन की रिहाई के फैसले से मैं बहुत दुखी हूं. साथ ही उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से अपील करूंगी कि वापस आनंद मोहन को जेल भेजा जाए. उमा कृष्णैया ने सीएम नीतीश पर जाति की राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए पूछा था कि आखिर एक क्रिमिनल को जेल से बाहर लाने की क्या जरूरत थी?
जी कृष्णैया का पूरा परिवार फैसले से दुखी: उमा कृष्णैया के साथ ही उनकी बेटी ने भी कहा था कि ये फैसला सही नहीं है. मैं जी कृष्णैया की बेटी हूं..हार नहीं मानूंगी. वहीं उमा कृष्णैया ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि पहले फांसी दिया गया फिर आजीवन कारावास में उसे बदल दिया गया. अब कानून में संशोधन करके आनंद मोहन को जेल से बाहर कर देना बिल्कुल भी सही फैसला नहीं है. हमारे साथ बहुत गलत किया गया है.
27 अप्रैल की सुबह हुई थी रिहाई: बता दें कि आनंद मोहन को 27 अप्रैल की अहले सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया था. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से ही इसपर बयानबाजी जारी है. सीएम नीतीश कुमार भी रिहाई को लेकर बयान दे चुके हैं. वहीं बीजेपी लगातार रिहाई पर निशाना साध रही है.
डीएम जी कृष्णैया की हुई थी हत्या: 5 दिसंबर साल 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी. 2008 को आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. उनको मई में सजा काटते हुए 14 साल हो गए. बिहार सरकार ने जेल परिहार में संशोधन कर आनंद मोहन समेत कुल 27 लोगों को रिहा किया है.