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मेडिकल चेकअप के लिए सैंपल ले रहा था जू कीपर, गुस्साए वॉइट टाइगर ने किया हमला - अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क

चिड़ियाघर में रहने वाले जंगली जानवर कब हिंसक हो जाएं, कहा नहीं जा सकता है. चेन्नै के चिड़ियाघर में एक टाइगर ने जूकीपर पर ही हमला बोल दिया. गनीमत यह रही कि उसकी जान बच गई.

White Tiger in chennai zoo
White Tiger in chennai zoo
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Published : May 3, 2022, 7:42 PM IST

चेन्नै : एक कहावत है कि शेर को पिंजड़े में भी रख दो तो वह शेर ही रहता है. यह कहानी शेर की नहीं, सफेद बाघ की है. चेन्नै के चिड़ियाघर में एक वॉइट टाइगर है. अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क में रखे गए सफेद बाघ का नाम जू प्रशासन ने नाम नकुलन रखा है. गर्मी के मौसम में नकुलन की सेहत थोड़ी खराब चल रही थी. उसे इलाज के लिए पिंजरे में रखा गया था. मंगलवार को वेटनरी डॉक्टर जू के सहायक कर्मचारियों के साथ उसकी जांच कर रहे थे.

इस बीच डॉक्टरों ने जूकीपर सेलैया और अन्य स्टाफ से कहा कि बीमारी का पता लगाने के लिए टाइगर नकुलन के सैंपल लेने पड़ेंगे. नकुलन की देखभाल करने वाले सेलैया ने उसका सैंपल कलेक्ट करना शुरू किया. इससे बीमार नकुलन को गुस्सा आ गया और उसने सेलैया पर अचानक हमला कर दिया. जख्मी सेलैया को तुरंत इलाज के लिए क्रोमपेट सरकारी अस्पताल भेजा गया. जूलॉजिकल पार्क के अफसरों ने बताया कि सेलैया की हालत खतरे से बाहर है. उसे इलाज के बाद घर भेज दिया गया है. गनीमत यह रही कि पिजड़े में बंद वॉइट टाइगर नकुलन हमले के दौरान सेलैया के हाथ तक ही पहुंच पाया. जू अथॉरिटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है. बीमार नकुलन की सेहत पर नजर रखी जा रही है. अक्सर लंबे समय तक साथ बीताने के बाद जू कीपर और जानवरों की बॉन्डिंग हो जाती है. ऐसे में वाइट टाइगर ने अपने रखवाले पर हमले ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया.

बता दें कि अभी तक भारत के चिड़ियाघरों में रखे गए खतरनाक जंगली जानवरों के हमलावर होने की घटना सामने नहीं आई है. 2014 में दिल्ली के जू में एक 20 साल का युवक सफेद बाघ का शिकार बना था. मगर तब वह जानबूझ कर बाघ के बाड़े में कूदा था. 15 मिनट तक घूरने के बाद बाघ ने उसकी जान ले ली थी. इसी तरह कोलकाता के चिड़ियाघर में एक युवक शेर के बाड़े में घुस गया था. वह बाड़े के पेड़ पर चढ़ गया था, तब शेर ने उस पर हमला कर दिया. उसे जू के कर्मचारियों ने बचा लिया था.

पढ़ें : अमेजन पर बेची जा रही थी अबॉर्शन की दवा, मुंबई में केस दर्ज

चेन्नै : एक कहावत है कि शेर को पिंजड़े में भी रख दो तो वह शेर ही रहता है. यह कहानी शेर की नहीं, सफेद बाघ की है. चेन्नै के चिड़ियाघर में एक वॉइट टाइगर है. अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क में रखे गए सफेद बाघ का नाम जू प्रशासन ने नाम नकुलन रखा है. गर्मी के मौसम में नकुलन की सेहत थोड़ी खराब चल रही थी. उसे इलाज के लिए पिंजरे में रखा गया था. मंगलवार को वेटनरी डॉक्टर जू के सहायक कर्मचारियों के साथ उसकी जांच कर रहे थे.

इस बीच डॉक्टरों ने जूकीपर सेलैया और अन्य स्टाफ से कहा कि बीमारी का पता लगाने के लिए टाइगर नकुलन के सैंपल लेने पड़ेंगे. नकुलन की देखभाल करने वाले सेलैया ने उसका सैंपल कलेक्ट करना शुरू किया. इससे बीमार नकुलन को गुस्सा आ गया और उसने सेलैया पर अचानक हमला कर दिया. जख्मी सेलैया को तुरंत इलाज के लिए क्रोमपेट सरकारी अस्पताल भेजा गया. जूलॉजिकल पार्क के अफसरों ने बताया कि सेलैया की हालत खतरे से बाहर है. उसे इलाज के बाद घर भेज दिया गया है. गनीमत यह रही कि पिजड़े में बंद वॉइट टाइगर नकुलन हमले के दौरान सेलैया के हाथ तक ही पहुंच पाया. जू अथॉरिटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है. बीमार नकुलन की सेहत पर नजर रखी जा रही है. अक्सर लंबे समय तक साथ बीताने के बाद जू कीपर और जानवरों की बॉन्डिंग हो जाती है. ऐसे में वाइट टाइगर ने अपने रखवाले पर हमले ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया.

बता दें कि अभी तक भारत के चिड़ियाघरों में रखे गए खतरनाक जंगली जानवरों के हमलावर होने की घटना सामने नहीं आई है. 2014 में दिल्ली के जू में एक 20 साल का युवक सफेद बाघ का शिकार बना था. मगर तब वह जानबूझ कर बाघ के बाड़े में कूदा था. 15 मिनट तक घूरने के बाद बाघ ने उसकी जान ले ली थी. इसी तरह कोलकाता के चिड़ियाघर में एक युवक शेर के बाड़े में घुस गया था. वह बाड़े के पेड़ पर चढ़ गया था, तब शेर ने उस पर हमला कर दिया. उसे जू के कर्मचारियों ने बचा लिया था.

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