नई दिल्ली : हाल के दिनों में यूरोपीय और अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स के कई मामलों की पहचान की है. इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर मरीज युवा पुरुष हैं. आश्चर्य का मामला यह है कि यह बीमारी अब तक अफ्रीकी देशों के बाहर नहीं पाई गई थी. मगर अब इसकी चपेट में ऐसे लोग भी आ रहे हैं, जिन्होंने कभी अफ्रीका की यात्रा नहीं की. हालांकि हेल्थ एक्सपर्टस का मानना है कि अभी आम लोगों के बीच इसके संक्रमण की संभावना बहुत कम है,
मंकीपॉक्स क्या है? (What is monkeypox?)
मंकीपॉक्स एक वायरस है, जो रोडेन्ट और प्राइमेट जैसे जंगली जानवरों में पैदा होता है. इससे कभी-कभी मानव भी संक्रमित हो जाता है. मानवों में अधिकतक मामले मध्य और पश्चिम अफ्रीका में देखे गए है, जहां यह इन्डेमिक बन चुका है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले वैज्ञानिकों ने 1958 में की थी, जब शोध करने वाले बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप हुए थे, इसलिए इसे मंकीपॉक्स कहा जाता है. मानव में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में मिला था, जब कांगो में रहने वाला 9 साल बच्चा इसकी चपेट में आया था.
लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है? : मंकीपॉक्स उसी वायरस फैमिली से संबंधित है, जिसका सदस्य चेचक यानी स्मॉलपॉक्स ( smallpox) है. स्मॉलपॉक्स के मुकाबले इसके लक्षण हल्के होते हैं. मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान के लक्षण देखे जाते हैं. इसके अलावा गंभीर तौर से संक्रमित लोगों के चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं. यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं. पांच दिनों से तीन सप्ताह तक इसका असर बना रहता है. ऐसे मामलों में हॉस्पिटल में एडमिट होने की आशंका कम होती है. मरीजों को ठीक होने में दो से चार सप्ताह का समय लग जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, भले ही इसके लक्षण गंभीर नहीं हों मगर मंकीपॉक्स 10 में से एक आदमी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. बच्चों को इससे बचाना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि उनके लिए यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है.
वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों को अक्सर चेचक के टीके दिए जाते हैं. ये टीके मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी पाए गए हैं. इसके इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएं भी विकसित की जा रही हैं. गुरुवार को, यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने सभी संदिग्ध मामलों को अलग-थलग करने और हाई रिस्क वाले कॉन्टैक्ट्स को स्मॉलपॉक्स के टीके देने की सिफारिश की.
आम तौर पर मंकीपॉक्स के कितने मामले सामने आते हैं? : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि लगभग 12 अफ्रीकी देशों में हर साल मंकीपॉक्स संक्रमण के हजारों मामले सामने आते हैं. कांगों में तो हर साल करीब 6,000 मामलों की पुष्टि होती है जबकि नाइजीरिया में सालाना लगभग 3,000 मामले आते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी संख्या ज्यादा हो सकती है क्योंकि हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम में खामियों के कारण कई संक्रमित लोगों की गिनती नहीं हो पाती है.
मंकीपॉक्स के मामले अफ्रीका के बाहर कम ही देखे जाते हैं. हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन में यह मामला सामने आया है. स्टडी से यह सामने आया कि बाहरी देशों में इसका संक्रमण तब हुआ, जब वहां के लोगों ने या तो अफ्रीकी देशों की यात्रा की या वहां के मवेशियों के जुड़े रहे. 2003 में, अमेरिका के छह राज्यों में 47 लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी. तब एक पालतू कुत्ते को घाना से लाए गए छोटे स्तनधारियों के पास रखा गया था, उसके जरिये ही संक्रमण मानव में फैला.
इन मामलों में क्या अलग है? (What's different about these cases?) : यह पहली बार है जब मंकीपॉक्स उन लोगों में फैल रहा है. जिन्होंने अफ्रीका की यात्रा नहीं करते हैं. यूरोप में ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन में संक्रमण के मामले सामने आए हैं. ज्यादातर मामले यौन संबंध बनाने के कारण पुरुषों में सामने आए हैं. ब्रिटेन की हेल्थ सिक्युरिटी एजेंसी का कहना है कि ये सारे मामले आपस में जुड़े नहीं है बल्कि इसका ट्रासंमीशन कई माध्यमों से हुआ है. पुर्तगाल में संक्रमण का मामला एक सेक्सुअल हेल्थ क्लिनिक में उठाया गया था, जहां पुरुषों ने अपने जननांगों पर घावों के लिए मदद मांगी थी. बुधवार को, अमेरिकी अधिकारियों ने एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के एक मामले की सूचना दी. इस केस में पीड़ित ने हाल ही में कनाडा की यात्रा की थी. फिलहाल स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमणों की संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं.
क्या मंकीपॉक्स सेक्स से फैल रहा है? : एक्सपर्ट के मुताबिक, यह संभव है कि मंकीपॉक्स सेक्स के कारण भी फैल रहा हो मगर इसके ठोस सबूत मौजूद नहीं है. इतना तो तय है कि यह बीमारी संक्रमित लोगों के शरीर से निकले तरल पदार्थ, उनके कपड़ों या बेडशीट के संपर्क में आने से फैलता है. इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट माइकल स्किनर ने कहा कि यह अभी भी निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि यूके में पुरुष कैसे संक्रमित हुए. प्राकृतिक तौर से यौन गतिविधि में मानव के बीच अंतरंग संपर्क होते हैं. अगर कोई संक्रमित से सेक्स करेगा तो उसके बीमारी की आशंका बनी रहेगी. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के फ्रैंकोइस बलौक्स ने भी माना है कि सेक्स के कारण यह बीमारी फैल सकती है.
(AP)
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