मेमारी: बेटी के पास मास्टर डिग्री है, जबकि बेटा सेकेंडरी स्कूल का छात्र है. लेकिन मां आयशा बेगम नॉन मैट्रिक हैं. यही बात आयशा को इतने सालों से परेशान कर रही थी. इसलिए बेटी फिरदौसी के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर आयशा बेगम ने 2023 में अपने बेटे परवेज आलम के साथ माध्यमिक परीक्षा दी. जानकारी के अनुसार आयशा बेगम पूर्वी बर्दवान के शक्तिगढ़ थाने के घाटशिला गांव की रहने वाली हैं. आईसीडीएस कार्यकर्ता आयशा के पति पेशे से किसान हैं.
बेटे परवेज आलम ने छह साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी, लेकिन बड़ी बहन फिरदौसी ने पढ़ाई जारी रखी और एमए पूरा किया. फिर उसने अपनी मां और भाई को और ज्यादा अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया. मुख्य रूप से फिरदौसी के प्रोत्साहन के कारण ही उन्हें घाटशिला सिद्दीकी उच्च मदरसा में प्रवेश मिला. मां-बेटे की जोड़ी ने माध्यमिक परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की और उनकी माध्यमिक सीटें मेमारी उच्च मदरसा में आवंटित की गईं. इन दोनों ही छात्रों ने शिक्षक भी खुश हैं.
इस मौके पर आयशा बेगम ने कहा कि मैं पढ़ाई नहीं कर सकी. मेरी बेटी ने पढ़ाई की है और उसने ही मुझे सलाह दी कि ज्यादा पढ़ाई करने से मेरे काम में मदद मिलेगी. इसलिए, मैंने उच्च मदरसा में दाखिला लिया. मैंने अपने बेटे के साथ मिलकर माध्यमिक परीक्षा पास करने के लिए अच्छी तैयारी की थी. हमने पढ़ाई शुरू की. मैं माध्यमिक परीक्षा में अच्छा कर रही हूं. साथ ही, मैं उन लोगों को भी सलाह दूंगी जो मेरी तरह विभिन्न प्रतिकूलताओं के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुए थे कि उन्हें पढ़ाई शुरू करनी चाहिए.
मेमारी उच्च मदरसा के प्रधान शिक्षक तुरत अली ने मां-बेटे की इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी. तुरत अली ने ईटीवी भारत को बताया कि मेमारी उच्च मदरसा इतने लंबे समय तक एक माध्यमिक केंद्र रहा है. हालांकि, कभी भी मां-बेटे की जोड़ी ने इस तरह एक साथ परीक्षा नहीं दी. उस मां को शत शत नमन. शादी के बाद पढ़ाई छोड़ चुकी कई महिलाओं को यह देखकर हौसला मिलेगा. साथ ही अगर वह अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है, तो उसकी हर तरह से मदद की जाएगी.