कोलकाता : दार्जिलिंग और कलिम्पोंग क्षेत्रों के लिए स्वायत्त जिला परिषद गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (Gorkhaland Territorial Administration) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar) ने संबंधित अधिकारियों से इसके कामकाज के बारे में जानकारी मांगी.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि एक दशक पहले जीटीए के गठन के बाद से भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा इसके खातों का ऑडिट नहीं कराया गया है. दार्जिलिंग का दौरा कर रहे राज्यपाल ने जीटीए प्रशासक से परिषद के संचालन और कामकाज के तरीके (GTA administrator council's operations and functioning) के बारे में व्यक्तिगत रूप से उन्हें जानकारी देने के लिए कहा है. धनखड़ ने 'पूर्व के निर्देशों का पालन नहीं करने' के लिए लिखित में स्पष्टीकरण भी मांगा है.
बुधवार को राज्यपाल ने ट्वीट किया, 'जीटीए में सबकुछ ठीक नहीं है. गठन के बाद से एक दशक से कैग द्वारा जांच नहीं कराई गई. जीटीए कानून, 2011 की धारा 55 के तहत जीटीए के कामकाज (GTA functioning) के बारे में राज्यपाल को रिपोर्ट नहीं दी गई.'
जीटीए कानून, 2011 की धारा 55 (10) में कहा गया है कि राज्यपाल गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कामकाज पर एक रिपोर्ट लेंगे और हर साल उस रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा.
राज्यपाल ने जीटीए प्रशासक को लिखे एक पत्र में कहा कि परेशान करने वाली स्थिति उत्पन्न हुई है. कड़े निर्देशों के बावजूद उन्हें कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई जो 'संबंधित अधिकारी द्वारा कर्तव्य की गंभीर उपेक्षा' (serious dereliction of duty by the concerned) की ओर इशारा करती है. पत्र की एक प्रति ट्वीट संदेश के साथ संलग्न की गई है.
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राज्यपाल ने यह भी कहा कि पिछले दौरे पर जीटीए के सचिव ने तत्कालीन प्रशासक के निर्देश पर दार्जिलिंग में उनसे मुलाकात की थी. राज्यपाल ने कहा कि प्रशासक द्वारा तत्काल हस्तक्षेप के लिए उठाए गए मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्यों के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे.
(पीटीआई-भाषा)