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व्यापमं घोटाला: न्याय के इंतजार में दो साल से फुटपाथ को बनाया महिला ने घर

व्यापमं घोटाले ने कई लोगों का जीवन (vyapam scam in mp) बर्बाद कर दिया है. उन्हीं में से एक हैं संजू उइके. वे ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं. 2019 में यह कहकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि वह कॉलेज में अनुपस्थित रहती हैं. आज हालत यह है कि वो हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता रही हैं.

व्यापमं घोटाला
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Published : Mar 24, 2022, 8:26 PM IST

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के शिक्षा जगत का सबसे बड़ा घोटाला यानि व्यापमं फर्जीवाड़ा किसी से छिपा (vyapam scam in mp) नहीं है. समय के साथ इस घोटले की फाइलें तो बंद हो रही हैं, लेकिन जख्म ऐसे हैं, जिसने कई लोगों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है. इस फर्जीवाड़े के कारण लाखों युवाओं का भविष्य चौपट हो गया. साथ ही कई लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. ऐसा ही मामला ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (Gajra Raja Medical College - GRMC) से जुड़ा है, जहां एक महिला कर्मचारी संजू उइके को GRMC से यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि उनकी अटेंडेंस कम है. संजू GRMC में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं.

कहीं से नहीं मिली उम्मीद: संजू उइके मेडिकल कॉलेज की रिकॉर्ड इंचार्ज के साथ शॉर्ट हैंड टाइपिस्ट (gwalior vyapam scam victim Sanju Uikey) भी थीं. 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसकी वजह कॉलेज में अनुपस्थिति बताई गई थी. उन्होंने हर स्तर पर दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से भी उम्मीद नहीं मिली. दो साल से वह हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता (Employee of GRMC Medical College living on footpath) रही हैं. व्यापमं फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा केंद्र GRMC था. प्रबंधन द्वारा संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था.

दो साल से फुटपाथ को बनाया महिला ने घर

कॉलेज प्रबंधन पर प्रताड़ना के आरोप: अपनी बर्खास्तगी को लेकर संजू उइके के वकील ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका भी लगाई है. जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर, संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ ही नौकरी से जबर्दस्ती हटाने को लेकर सवाल उठाए हैं. ये भी कहा गया है कि संजू को मेडिकल कॉलेज के अफसर फंसाना चाहते थे. उस पर गलत काम करने का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे उसने इंकार किया तो कॉलेज प्रबंधन ने बोर्ड के जरिए बाहर का रास्ता दिखा दिया.

सिस्टम से उठा विश्वास: व्यापमं फर्जीवाड़े का दंश झेल रहीं संजू की स्थिति ऐसी है कि वह हाईकोर्ट के नजदीक बने बस स्टॉप पर पिछले दो सालों से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठी हैं. हालांकि, उनका सिस्टम से विश्वास उठ गया है. उनका कहना है कि देश में सिस्टम और कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है. कोई भी कुछ भी कर सकता है, जैसा उसके साथ कर दिया गया. वहीं, व्यापमं फर्जीवाड़े के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने भी संजू की हालत पर चिंता जताई है.

पागल समझते हैं लोग: संजू उइके की आज हालत ऐसी है कि जो भी उसे बस स्टॉप के फुटपाथ पर देखता है तो पागल समझता है. लेकिन, संजू कॉलेज से जुड़े हर व्यक्ति और व्यापमं से जुड़े हर एक शख्स को अच्छे से जानती हैं. अब उनके वकील ने कोर्ट में मेडिकल परीक्षण, उसकी नौकरी और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के शिक्षा जगत का सबसे बड़ा घोटाला यानि व्यापमं फर्जीवाड़ा किसी से छिपा (vyapam scam in mp) नहीं है. समय के साथ इस घोटले की फाइलें तो बंद हो रही हैं, लेकिन जख्म ऐसे हैं, जिसने कई लोगों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है. इस फर्जीवाड़े के कारण लाखों युवाओं का भविष्य चौपट हो गया. साथ ही कई लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. ऐसा ही मामला ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (Gajra Raja Medical College - GRMC) से जुड़ा है, जहां एक महिला कर्मचारी संजू उइके को GRMC से यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि उनकी अटेंडेंस कम है. संजू GRMC में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं.

कहीं से नहीं मिली उम्मीद: संजू उइके मेडिकल कॉलेज की रिकॉर्ड इंचार्ज के साथ शॉर्ट हैंड टाइपिस्ट (gwalior vyapam scam victim Sanju Uikey) भी थीं. 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसकी वजह कॉलेज में अनुपस्थिति बताई गई थी. उन्होंने हर स्तर पर दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से भी उम्मीद नहीं मिली. दो साल से वह हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता (Employee of GRMC Medical College living on footpath) रही हैं. व्यापमं फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा केंद्र GRMC था. प्रबंधन द्वारा संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था.

दो साल से फुटपाथ को बनाया महिला ने घर

कॉलेज प्रबंधन पर प्रताड़ना के आरोप: अपनी बर्खास्तगी को लेकर संजू उइके के वकील ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका भी लगाई है. जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर, संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ ही नौकरी से जबर्दस्ती हटाने को लेकर सवाल उठाए हैं. ये भी कहा गया है कि संजू को मेडिकल कॉलेज के अफसर फंसाना चाहते थे. उस पर गलत काम करने का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे उसने इंकार किया तो कॉलेज प्रबंधन ने बोर्ड के जरिए बाहर का रास्ता दिखा दिया.

सिस्टम से उठा विश्वास: व्यापमं फर्जीवाड़े का दंश झेल रहीं संजू की स्थिति ऐसी है कि वह हाईकोर्ट के नजदीक बने बस स्टॉप पर पिछले दो सालों से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठी हैं. हालांकि, उनका सिस्टम से विश्वास उठ गया है. उनका कहना है कि देश में सिस्टम और कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है. कोई भी कुछ भी कर सकता है, जैसा उसके साथ कर दिया गया. वहीं, व्यापमं फर्जीवाड़े के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने भी संजू की हालत पर चिंता जताई है.

पागल समझते हैं लोग: संजू उइके की आज हालत ऐसी है कि जो भी उसे बस स्टॉप के फुटपाथ पर देखता है तो पागल समझता है. लेकिन, संजू कॉलेज से जुड़े हर व्यक्ति और व्यापमं से जुड़े हर एक शख्स को अच्छे से जानती हैं. अब उनके वकील ने कोर्ट में मेडिकल परीक्षण, उसकी नौकरी और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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