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Amartya Sen News : विश्वभारती ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के घर पर चस्पा किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

पश्चिम बंगाल के बोलपुर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के घर 'प्रतीची' के गेट पर विश्वभारती प्रशासन ने नोटिस लगा दिया है. नोटिस में कहा गया है कि विश्वभारती प्रशासन इस जमीन पर 19 अप्रैल को अंतिम निर्णय लेगा. पढ़ें पूरी खबर.

eviction notice to Nobel laureate Amartya Sen
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के घर पर नोटिस चस्पा
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Published : Apr 14, 2023, 4:07 PM IST

बोलपुर : नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के घर 'प्रतीची' के गेट पर विश्वभारती प्रशासन ने नोटिस लगा दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान बोलपुर सब-डिविजनल रूरल कोर्ट से नोटिस जारी किया गया है. नोटिस के अनुसार, अमर्त्य सेन के 'भूमि विवाद' पर विश्वभारती के अधिकारी 19 अप्रैल को अंतिम निर्णय लेंगे. शांतिनिकेतन में अमर्त्य सेन के 'प्रतीची' घर में 13 डिसमिल अतिरिक्त भूमि है जो स्पष्ट रूप से विश्वभारती की है.

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ये है नोटिस

भारत रत्न अमर्त्य सेन पर जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए विश्वभारती के अधिकारियों ने 3 पत्र भेजकर जमीन वापस करने की मांग की है. विश्वभारती के वाइस-चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती (Bidyut Chakraborty) ने व्यक्तिगत हमले की हद तक जाते हुए इस मुद्दे पर बार-बार अमर्त्य सेन पर हमला किया है.

ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अमर्त्य सेन के साथ खड़ी रहीं. दिवंगत पिता आशुतोष सेन की वसीयत के मुताबिक बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अमर्त्य सेन के नाम पर 1.38 एकड़ यानी पूरी जमीन दर्ज की गई. उसके बाद विश्व भारती के अधिकारियों ने फिर से अमर्त्य सेन को एक पत्र के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.

प्रोफेसर सेन इस समय विदेश में हैं. उन्हें डर है कि उनकी अनुपस्थिति में शांतिनिकेतन की भूमि और घरों से बेदखल किया जा सकता है. गीतिकांत मजूमदार, जो 'प्रतीची' के रखरखाव प्रभारी हैं, ने अपनी आशंका व्यक्त करते हुए बोलपुर अनुमंडल के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से शिकायत की है. इसके तुरंत बाद अनुमंडल कार्यालय के कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अयान नाथ ने शांति निकेतन थाने के प्रभारी अधिकारी को अमर्त्य सेन के गृह क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

छह मई को होने वाली अगली सुनवाई तक यह गाइडलाइन लागू रहेगी और पुलिस को मामले की नियमित रिपोर्ट देनी होगी. इस बीच विश्व भारती प्रशासन ने नोटिस जारी किया है.

नोटिस में कहा गया है कि 'यह जमीन सरकारी संपत्ति है. इस जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है. प्रोफेसर अमर्त्य सेन को काफी समय दिया गया है. उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया है. वह न तो हाजिर हुए और न ही अपना प्रतिनिधि भेजा. इस जमीन को लेकर 19 अप्रैल को विश्वभारती प्रशासन अंतिम फैसला लेगा.'

नोटिस की यह प्रति बीरभूम के जिलाधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, बोलपुर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन को दी गई है. यह नोटिस भी शुक्रवार को अमर्त्य सेन के 'प्रतीची' घर के गेट पर चस्पा कर दिया गया.

पढ़ें- Bengal Amartya Sen: बंगाल सरकार ने अमर्त्य सेन को जमीन के कागजात सौंपे

बोलपुर : नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के घर 'प्रतीची' के गेट पर विश्वभारती प्रशासन ने नोटिस लगा दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान बोलपुर सब-डिविजनल रूरल कोर्ट से नोटिस जारी किया गया है. नोटिस के अनुसार, अमर्त्य सेन के 'भूमि विवाद' पर विश्वभारती के अधिकारी 19 अप्रैल को अंतिम निर्णय लेंगे. शांतिनिकेतन में अमर्त्य सेन के 'प्रतीची' घर में 13 डिसमिल अतिरिक्त भूमि है जो स्पष्ट रूप से विश्वभारती की है.

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ये है नोटिस

भारत रत्न अमर्त्य सेन पर जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए विश्वभारती के अधिकारियों ने 3 पत्र भेजकर जमीन वापस करने की मांग की है. विश्वभारती के वाइस-चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती (Bidyut Chakraborty) ने व्यक्तिगत हमले की हद तक जाते हुए इस मुद्दे पर बार-बार अमर्त्य सेन पर हमला किया है.

ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अमर्त्य सेन के साथ खड़ी रहीं. दिवंगत पिता आशुतोष सेन की वसीयत के मुताबिक बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अमर्त्य सेन के नाम पर 1.38 एकड़ यानी पूरी जमीन दर्ज की गई. उसके बाद विश्व भारती के अधिकारियों ने फिर से अमर्त्य सेन को एक पत्र के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.

प्रोफेसर सेन इस समय विदेश में हैं. उन्हें डर है कि उनकी अनुपस्थिति में शांतिनिकेतन की भूमि और घरों से बेदखल किया जा सकता है. गीतिकांत मजूमदार, जो 'प्रतीची' के रखरखाव प्रभारी हैं, ने अपनी आशंका व्यक्त करते हुए बोलपुर अनुमंडल के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से शिकायत की है. इसके तुरंत बाद अनुमंडल कार्यालय के कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अयान नाथ ने शांति निकेतन थाने के प्रभारी अधिकारी को अमर्त्य सेन के गृह क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

छह मई को होने वाली अगली सुनवाई तक यह गाइडलाइन लागू रहेगी और पुलिस को मामले की नियमित रिपोर्ट देनी होगी. इस बीच विश्व भारती प्रशासन ने नोटिस जारी किया है.

नोटिस में कहा गया है कि 'यह जमीन सरकारी संपत्ति है. इस जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है. प्रोफेसर अमर्त्य सेन को काफी समय दिया गया है. उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया है. वह न तो हाजिर हुए और न ही अपना प्रतिनिधि भेजा. इस जमीन को लेकर 19 अप्रैल को विश्वभारती प्रशासन अंतिम फैसला लेगा.'

नोटिस की यह प्रति बीरभूम के जिलाधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, बोलपुर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन को दी गई है. यह नोटिस भी शुक्रवार को अमर्त्य सेन के 'प्रतीची' घर के गेट पर चस्पा कर दिया गया.

पढ़ें- Bengal Amartya Sen: बंगाल सरकार ने अमर्त्य सेन को जमीन के कागजात सौंपे

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