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new police camp in Sukma: सुकमा में नए पुलिस कैंप के समर्थन में ग्रामीण

Villagers support of new police camp in Sukma: सुकमा ने कारीगुंडम में ग्रामीणों ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ने को जवानों का समर्थन किया है. हर जगह हो रहे विरोध के बावजूद यहां के ग्रामीणों ने नया पुलिस कैंप बनाए जाने पर सहमित जताई है.

सुकमा में नए पुलिस कैंप के समर्थन में ग्रामीण
सुकमा में नए पुलिस कैंप के समर्थन में ग्रामीण
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Published : Jan 7, 2022, 3:33 AM IST

रायपुर/ सुकमा: कई दिनों से चल रहे जद्दोजहद के बाद आखिरकार नया पुलिस कैंप खोलने पर ग्रामीणों ने सहमति जताई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा का कारीगुंडम, जहां नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक कैंप का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. वैसे तो बस्तर क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस कैम्प का ग्रामीण विरोध करते आ रहे हैं. हालांकि सुकमा से राहत भरी खबर है कि यहां ग्रामीणों ने पुलिस कैंप खुलने पर सहमति जतायी है.

पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों के इस समर्थन का किया स्वागत, परोसा खाना

वर्तमान में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण पुलिस कैंपों का लंबे समय से विरोध करते नजर आ रहे हैं, लेकिन सुकमा के कारीगुंडम में ग्रामीणों का नजरिया ही कुछ अलग देखने को मिला. जब यहां सुकमा जिले की पुलिस टीम पहुंची. तो भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद थे. जो इस कैंप का विरोध नहीं बल्कि समर्थन में पुलिस से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए थे. यह नजारा बस्तर जैसे जगहों के लिए साधारण बात नहीं थी. चूंकि नए कैंप बनाने के दौरान जवानों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ता है. लेकिन यह पहली मर्तबा है. जब ग्रामीण पुलिस का सहयोग कर रहे हैं. यहां जाकर पुलिस वालों का भी एक अलग अनुभव रहा. ग्रामीणों ने पुलिस वालों के साथ न सिर्फ यहां एक दूसरे से बातचीत की. बल्कि साथ में बैठकर स्कूली बच्चे और ग्रामीणों ने खाना भी खाया. इतना ही नहींं, दो कदम आगे बढ़कर पुलिस के आला अधिकारियों ने भी ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया. खुद बच्चों और ग्रामीणों को खाना भी परोसने लगे.

सुकमा में नए पुलिस कैंप के समर्थन में ग्रामीण

यह भी पढ़ेंः ओमीक्रोन की दहशतः बस्तर पुलिस कैंप में हाई अलर्ट, सुरक्षाबलों को करना होगा नियमों का कड़ाई से पालन

प्रशासन के प्रति बढ़ा भरोसा

इन तस्वीरों से इस बात पर बल मिलता है कि सच में बस्तर बदल रहा है. बस्तर के लोगों की सोच बदल रही है. प्रशासन के प्रति उनका भरोसा भी बढ़ने लगा है. हालांकि इस काम में सहयोग करने के लिए पुलिस का साथ कुछ गणमान्य नागरिकों ने भी दिया. उनके सहयोग से ही इस पूरे क्षेत्र का माहौल बदला सा नजर आया. यही नहीं इस जगह में 40 से अधिक नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया. पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नार्कोम अभियान (नई सुबह-नई शुरुआत) के तहत अपने अन्य सहयोगियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की.

44 नक्सलियों ने किया सरेंडर

बस्तर के सुकमा जिले में पुलिस ने पुनर्वास नीति का प्रचार-प्रसार काफी तेजी से किया. इसी कड़ी में नए साल के मौके पर 9 महिला सहित कुल 44 नक्सलियों ने सरेंडर किया. इसमें से एक आत्म समर्पित नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित है. आत्म समर्पित सभी नक्सली चिंता गुफा, चिंतलनार और भेज्जी क्षेत्रों में विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल रहे. लेकिन नए कैंप खुलने से ग्रामीणों ने खुद भटके हुए इन नक्सलियों को बुलाकर आत्मसमर्पण करवाया है. इस मौके पर मुख्य रूप से सुकमा के एसपी सुनील शर्मा, सीआरपीएफ कमांडेंट राजेश यादव सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे.

इन जगहों पर कैम्प का विरोध

हाल ही में बीजापुर जिले के सिलगेर और कांकेर में पुलिस कैंप का विरोध हुआ था. इस आंदोलन में तीन ग्रामीणों की मौत भी हुई. उसके बाद भी आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा. कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण हजारों की तादाद में कैंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

2021 में नक्सल मोर्चे पर उपलब्धियां

  • 555 नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • 46 नक्सली मारे गए, जिसमें 6 टॉप लीडर
  • 82 हथियार और 168 आईईडी बरामद
  • 499 नक्सली किये गए गिरफ्तार
  • 16 नए कैंप और 4 थाने खोले गए

रायपुर/ सुकमा: कई दिनों से चल रहे जद्दोजहद के बाद आखिरकार नया पुलिस कैंप खोलने पर ग्रामीणों ने सहमति जताई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा का कारीगुंडम, जहां नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक कैंप का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. वैसे तो बस्तर क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस कैम्प का ग्रामीण विरोध करते आ रहे हैं. हालांकि सुकमा से राहत भरी खबर है कि यहां ग्रामीणों ने पुलिस कैंप खुलने पर सहमति जतायी है.

पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों के इस समर्थन का किया स्वागत, परोसा खाना

वर्तमान में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण पुलिस कैंपों का लंबे समय से विरोध करते नजर आ रहे हैं, लेकिन सुकमा के कारीगुंडम में ग्रामीणों का नजरिया ही कुछ अलग देखने को मिला. जब यहां सुकमा जिले की पुलिस टीम पहुंची. तो भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद थे. जो इस कैंप का विरोध नहीं बल्कि समर्थन में पुलिस से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए थे. यह नजारा बस्तर जैसे जगहों के लिए साधारण बात नहीं थी. चूंकि नए कैंप बनाने के दौरान जवानों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ता है. लेकिन यह पहली मर्तबा है. जब ग्रामीण पुलिस का सहयोग कर रहे हैं. यहां जाकर पुलिस वालों का भी एक अलग अनुभव रहा. ग्रामीणों ने पुलिस वालों के साथ न सिर्फ यहां एक दूसरे से बातचीत की. बल्कि साथ में बैठकर स्कूली बच्चे और ग्रामीणों ने खाना भी खाया. इतना ही नहींं, दो कदम आगे बढ़कर पुलिस के आला अधिकारियों ने भी ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया. खुद बच्चों और ग्रामीणों को खाना भी परोसने लगे.

सुकमा में नए पुलिस कैंप के समर्थन में ग्रामीण

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प्रशासन के प्रति बढ़ा भरोसा

इन तस्वीरों से इस बात पर बल मिलता है कि सच में बस्तर बदल रहा है. बस्तर के लोगों की सोच बदल रही है. प्रशासन के प्रति उनका भरोसा भी बढ़ने लगा है. हालांकि इस काम में सहयोग करने के लिए पुलिस का साथ कुछ गणमान्य नागरिकों ने भी दिया. उनके सहयोग से ही इस पूरे क्षेत्र का माहौल बदला सा नजर आया. यही नहीं इस जगह में 40 से अधिक नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया. पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नार्कोम अभियान (नई सुबह-नई शुरुआत) के तहत अपने अन्य सहयोगियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की.

44 नक्सलियों ने किया सरेंडर

बस्तर के सुकमा जिले में पुलिस ने पुनर्वास नीति का प्रचार-प्रसार काफी तेजी से किया. इसी कड़ी में नए साल के मौके पर 9 महिला सहित कुल 44 नक्सलियों ने सरेंडर किया. इसमें से एक आत्म समर्पित नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित है. आत्म समर्पित सभी नक्सली चिंता गुफा, चिंतलनार और भेज्जी क्षेत्रों में विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल रहे. लेकिन नए कैंप खुलने से ग्रामीणों ने खुद भटके हुए इन नक्सलियों को बुलाकर आत्मसमर्पण करवाया है. इस मौके पर मुख्य रूप से सुकमा के एसपी सुनील शर्मा, सीआरपीएफ कमांडेंट राजेश यादव सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे.

इन जगहों पर कैम्प का विरोध

हाल ही में बीजापुर जिले के सिलगेर और कांकेर में पुलिस कैंप का विरोध हुआ था. इस आंदोलन में तीन ग्रामीणों की मौत भी हुई. उसके बाद भी आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा. कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण हजारों की तादाद में कैंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

2021 में नक्सल मोर्चे पर उपलब्धियां

  • 555 नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • 46 नक्सली मारे गए, जिसमें 6 टॉप लीडर
  • 82 हथियार और 168 आईईडी बरामद
  • 499 नक्सली किये गए गिरफ्तार
  • 16 नए कैंप और 4 थाने खोले गए
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