बेनौलिम (गोवा) : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) पर तीखा हमला करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने उन्हें आतंकवाद उद्योग का 'प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता' करार दिया. बिलावल के आतंकवाद से निपटने के बयान पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एससीओ बैठक में आतंकवाद से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो सकती है, जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के शिकार लोग आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं.' जयशंकर ने इस बात का भी उल्लेख किया कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा 'था, है और रहेगा.' विदेश मंत्री ने कहा कि बिलावल एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, 'इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए.' तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर जयशंकर ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया था कि संपर्क प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन यह राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया.
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के अपने समकक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी की मौजूदगी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में दो टूक कहा कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए. चीन की 'बेल्ट एंड रोड' पहल को लेकर बढ़ती आलोचना के बीच जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि संपर्क प्रगति की कुंजी है, लेकिन इसके लिए सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखना चाहिए.
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(पीटीआई-भाषा)