वाराणसी : उत्तर प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में एक बार फिर से वाराणसी ने 80 फीसदी स्कोर हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछले माह भी जनपद ने हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान प्राप्त किया था. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि हाल ही में प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में सभी जनपदों की रैंकिंग प्रदर्शित की गई है. इसमें वाराणसी ने गर्भावस्था में एचआईवी की जांच, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल, परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों (अंतरा, छाया, कॉपर-टी, पीपीआईयूसीडी व आईयूसीडी), सीएचसी पर प्रसव के सापेक्ष सिजेरियन प्रसव समेत 16 संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मई माह में पहला स्थान प्राप्त किया है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी ने इस उपलब्धि पर जिले की समस्त नगरीय व ग्रामीण स्तरीय पीएचसी-सीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है और सेवाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया है. सीएमओ ने कहा कि पिछले माह वाराणसी ने हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान प्राप्त किया है. इससे पहले वह दूसरे और तीसरे स्थान पर रहा है. जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उपकेन्द्रों पर मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं.
नंबर वन बनाने में यह रही वजह |
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की अहम भूमिका है. आशा कार्यकर्ता समुदाय से लाभार्थियों को प्रेरित कर चिकित्सा इकाइयों तक लाती हैं. वाराणसी की यह रैकिंग अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं का सम्मान है. उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य और पोषण संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता बरकरार रखी जाए. समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सीय व स्वास्थ्य का लाभ पहुंचाने के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रही है. यही सरकार व विभाग का लक्ष्य है.
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