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Location Tracking Case : यूजर्स के लोकेशन ट्रैक कर रहा था Google, अब देना होगा इतना भारी हर्जाना

मिशिगन अटॉर्नी जनरल डाना नेसेल के कार्यालय ने कहा कि अमेरिका के 40 राज्यों ने गूगल की ट्रैकिंग नीतियों के बारे में यूजर्स को गुमराह करने पर Google को लगभग 400 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान करना होगा. यह गोपनीयता के लिए लगाया गया इतिहास में सबसे हर्जाना है.

Location Tracking Case
Location Tracking Case : चोरी छिपे यूजर्स के लोकेशन ट्रैक कर रहा था Google, अब देना होगा इतना भारी हर्जाना
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Published : Nov 15, 2022, 7:32 AM IST

Updated : Nov 15, 2022, 7:52 AM IST

वाशिंगटन: मिशिगन अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि गूगल 40 राज्यों द्वारा लगाये गये आरोपों को निपटाने के लिए 391.5 डॉलर मिलियन का भुगतान करेगा. इन राज्यों का आरोप है कि खोज गूगल ने यूजर्स के लोकेशन को अवैध रूप से ट्रैक किया है. जांच का नेतृत्व ओरेगन और नेब्रास्का राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने किया था.

गूगल ने हाल के महीनों में अपने लोकेशन और ट्रैकिंग प्रोडक्ट्स को काफी जोर-शोर से प्रचारित और प्रसारित किया है. ऐसे में यह हर्जाना गूगल की छवि के लिए नकारात्मक सकती है. आयोवा अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि भुगतान के अलावा, Google को उपभोक्ताओं के साथ स्थान ट्रैकिंग के बारे में अधिक पारदर्शी होना होगा. फैसले में कहा गया है कि गूगल को यूजर्स को एक विशेष वेब पेज पर स्थान-ट्रैकिंग डेटा के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए.

आयोवा के अटॉर्नी जनरल टॉम मिलर ने एक बयान में कहा कि जब उपभोक्ता अपने उपकरणों पर स्थान डेटा साझा नहीं करने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें भरोसा होना चाहिए कि एक कंपनी अब उनके हर कदम को ट्रैक नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि यह समझौता यह स्पष्ट करता है कि कंपनियों को पारदर्शी होना चाहिए कि वे ग्राहकों को कैसे ट्रैक करते हैं और राज्य और संघीय गोपनीयता कानूनों का पालन करते हैं.

पढ़ें: अमेजन में भी छंटनी की योजना, करीब 10 हजार कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी

Google के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने जो सुधार किए हैं, उनके अनुरूप हमने इस जांच को सुलझा लिया है, जो पुरानी उत्पाद नीतियों पर आधारित थी जिसे हमने वर्षों पहले बदल दिया था. Google ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह कि आने वाले महीनों में स्थान डेटा पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए कुछ और अपडेट करेगा.

उन परिवर्तनों में लोकेशन के डेटा को हटाना और आसान बनाया जायेगा. नए यूजर्स के पाल ऑटो-डिलीट सेटिंग्स होंगे जो उन्हें एक खास समय के बाद Google के पास से कुछ जानकारी हटाने का आदेश देने की अनुमति देंगे. गौरतलब है कि अटॉर्नी जनरल के समूह ने 2018 की एक रिपोर्ट के बाद Google में एक जांच शुरू की. जिसमें खुलासा हुआ कि कंपनी ने उपयोगकर्ताओं के स्थानों को ट्रैक करना जारी रखा, भले ही उन्होंने सुविधा को बंद करने का विकल्प चुना हो.

जांच में पाया गया कि Google ने कम से कम 2014 से उपभोक्ताओं को उनके स्थान ट्रैकिंग नीतियों के बारे में गुमराह करके उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन किया था.

पढ़ें: फर्जी खातों को मिला ब्लू टिक, फजीहत के बाद ट्विटर आईओएस ऐप से ब्लू साइनअप ऑप्शन गायब

(एएनआई)

वाशिंगटन: मिशिगन अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि गूगल 40 राज्यों द्वारा लगाये गये आरोपों को निपटाने के लिए 391.5 डॉलर मिलियन का भुगतान करेगा. इन राज्यों का आरोप है कि खोज गूगल ने यूजर्स के लोकेशन को अवैध रूप से ट्रैक किया है. जांच का नेतृत्व ओरेगन और नेब्रास्का राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने किया था.

गूगल ने हाल के महीनों में अपने लोकेशन और ट्रैकिंग प्रोडक्ट्स को काफी जोर-शोर से प्रचारित और प्रसारित किया है. ऐसे में यह हर्जाना गूगल की छवि के लिए नकारात्मक सकती है. आयोवा अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि भुगतान के अलावा, Google को उपभोक्ताओं के साथ स्थान ट्रैकिंग के बारे में अधिक पारदर्शी होना होगा. फैसले में कहा गया है कि गूगल को यूजर्स को एक विशेष वेब पेज पर स्थान-ट्रैकिंग डेटा के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए.

आयोवा के अटॉर्नी जनरल टॉम मिलर ने एक बयान में कहा कि जब उपभोक्ता अपने उपकरणों पर स्थान डेटा साझा नहीं करने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें भरोसा होना चाहिए कि एक कंपनी अब उनके हर कदम को ट्रैक नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि यह समझौता यह स्पष्ट करता है कि कंपनियों को पारदर्शी होना चाहिए कि वे ग्राहकों को कैसे ट्रैक करते हैं और राज्य और संघीय गोपनीयता कानूनों का पालन करते हैं.

पढ़ें: अमेजन में भी छंटनी की योजना, करीब 10 हजार कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी

Google के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने जो सुधार किए हैं, उनके अनुरूप हमने इस जांच को सुलझा लिया है, जो पुरानी उत्पाद नीतियों पर आधारित थी जिसे हमने वर्षों पहले बदल दिया था. Google ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह कि आने वाले महीनों में स्थान डेटा पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए कुछ और अपडेट करेगा.

उन परिवर्तनों में लोकेशन के डेटा को हटाना और आसान बनाया जायेगा. नए यूजर्स के पाल ऑटो-डिलीट सेटिंग्स होंगे जो उन्हें एक खास समय के बाद Google के पास से कुछ जानकारी हटाने का आदेश देने की अनुमति देंगे. गौरतलब है कि अटॉर्नी जनरल के समूह ने 2018 की एक रिपोर्ट के बाद Google में एक जांच शुरू की. जिसमें खुलासा हुआ कि कंपनी ने उपयोगकर्ताओं के स्थानों को ट्रैक करना जारी रखा, भले ही उन्होंने सुविधा को बंद करने का विकल्प चुना हो.

जांच में पाया गया कि Google ने कम से कम 2014 से उपभोक्ताओं को उनके स्थान ट्रैकिंग नीतियों के बारे में गुमराह करके उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन किया था.

पढ़ें: फर्जी खातों को मिला ब्लू टिक, फजीहत के बाद ट्विटर आईओएस ऐप से ब्लू साइनअप ऑप्शन गायब

(एएनआई)

Last Updated : Nov 15, 2022, 7:52 AM IST
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