चेन्नई: तमिलनाडु में दो पुलिस अधिकारियों स्पेशल सब-इंस्पेक्टर कार्तिकेयन और सब-इंस्पेक्टर राजेंद्रन को ड्यूटी के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के आरोप के बाद उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया. यह घटना 27 दिसंबर को तटीय नागापट्टिनम जिले में हुई जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई अपना रोड शो 'एन मन, एन मक्कल' (मेरी भूमि, मेरे लोग) कर रहे थे.
वर्दी में ड्यूटी पर तैनात दोनों अधिकारी एक छोटे से शहर अवुरिथाइडल में कथित तौर पर एक बीजेपी स्टॉल पर गए जहां नए सदस्यों का नामांकन किया जा रहा था. सदस्य बनने के लिए लोगों को अपने मोबाइल फोन से 'मिस्ड कॉल' देनी होती है. चौंकाने वाली बात यह है कि कार्तिकेयन और राजेंद्रन ने वर्दी में रहते हुए भाजपा के फोन नंबर पर 'मिस्ड कॉल' करके नामांकन शामिल हुए जो सेवा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है. नागापट्टिनम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर जोर देते हुए कहा, 'यह सेवा नियमों का उल्लंघन है. पूरा कृत्य कैमरे में कैद हो गया, जिससे अधिकारियों की संलिप्तता के ठोस सबूत मिले.'
अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई. उसी दिन नागापट्टिनम के पुलिस अधीक्षक हर्ष सिंह द्वारा प्रारंभिक जांच की गई. 28 दिसंबर को दोनों पुलिसकर्मियों को सशस्त्र रिजर्व विंग में स्थानांतरित कर दिया गया. बाद की जांच में उनके खिलाफ आरोपों की पुष्टि हुई. इसके कारण तमिलनाडु अधीनस्थ पुलिस अधिकारी आचरण नियमों के अनुसार तंजावुर रेंज के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जयचंद्रन ने उन्हें निलंबित कर दिया.
निलंबन के जवाब में तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. हालाँकि, ऐसी अनुशासनात्मक कार्रवाइयां आम तौर पर स्थापित नियमों और विनियमों पर आधारित होती हैं और किसी भी अपील के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक होता है.