गुवाहाटी : असम की बांग्ला भाषी बहुल बराक घाटी के सिलचर कस्बे में राज्य सरकार द्वारा असमी भाषा में लगाई गई होर्डिंग पर काली स्याही पोतने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को दी.
कछार की पुलिस अधीक्षक रमणदीप कौर ने बताया कि असमी भाषा के स्थान पर बंगाली भाषा में पोस्टर लगाने की मांग को लेकर जल जीवन मिशन से जुड़ी होर्डिंग को विकृत करने के मामले में राजू देब और समर दास की पहचान की गई थी और उन्हें रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उन्होंने बताया कि दोनों को मंगलवार की शाम को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और मामले की जांच चल रही है.
पुलिस के मुताबिक राजू देब ऑल बंगाली स्टुडेंट्स यूथ ऑर्गेनाइजेशन (एबीएसवाईओ) का कछार जिला अध्यक्ष है जबकि समर दास संगठन का सक्रिय सदस्य है. घटना से जुड़ी तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें कुछ लोग सिलचर रेलवे स्टेशन के सामने असमी भाषा में लगी होर्डिंग तक सीढ़ीं से चढ़ते नजर आ रहे हैं. इन लोगों ने उसपर 'बांग्ला लिखुन' (बंगाली लिखें) और दो संगठनों का नाम लिखा.
भाजपा प्रवक्ता रामकृष्ण घोष और राजीब कुमार शर्मा ने मंगलवार को जारी संयुक्त बयान में दावा किया, 'कांग्रेस, वाम दल और कट्टरपंथी समूह अंग्रेजों की 'बांटो और राज करो' की नीति के तहत वर्षों से असमी भाषियों और बांग्ला भाषियों में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.'
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(पीटीआई-भाषा)