जबलपुर : मध्य प्रदेश के कटनी जिले में देश के दो सबसे लंबे रेलवे फ्लाईओवर का निमार्ण (Two longest railway flyovers in the country) जारी है. ये रेलवे फ्लाईओवर कोयले की ढुलाई वाली मालगाड़ियों के सुचारु संचालन (smooth movement of trains carrying coal) के लिए बनाए जा रहे हैं. 1,250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से देश के दो सबसे लंबे रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. इनकी कुल लंबाई 34.9 किलोमीटर है.
पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया ने कहा कि कटनी 'ग्रेड सेपरेशन योजना' (Katni grade separation project) के तहत बीना-कटनी-बिलासपुर रेल मार्ग पर अप और डाउन दिशाओं में दो फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं. इस परियोजना से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पूर्वी हिस्सों में खदानों से कोयले से लदी ट्रेनों की आवाजाही में मदद (movement of coal-laden trains from mines in the eastern parts of MP and Chhattisgarh) मिलेगी.
पढ़ें : ब्वायफ्रेंड से मिलने के लिए घर से भागी दो नाबालिग को आरपीएफ ने पकड़ा, CWC ने दिया आश्रय
उन्होंने कहा कि कटनी-सिंगरौली रेल मार्ग पर चलने वाली कोयला ट्रेनों (Coal trains running on the Katni-Singrauli route) की इन फ्लाईओवर तक सीधी पहुंच होगी. 1,250 करोड़ रुपये की यह परियोजना 2020 में शुरु हुई थी और 2023-24 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. वर्तमान में इसका 25 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर में दो मौजूदा रेलवे मार्गों पर आठ रेल-ओवर-रेल (Rail-Over-Rail) पुल शामिल होंगे, जिनमें नदियों के ऊपर से छह अन्य पुलों का भी निर्माण होगा. जबलपुर-कटनी-मानिकपुर और बीना-कटनी-बिलासपुर मार्गों (Jabalpur-Katni-Manikpur and Bina-Katni-Bilaspur routes) के अलग-अलग बुनियादी ढांचे हैं, जो कटनी को पार करते हैं. इन दो मार्गों के क्रॉस सेक्शन के कारण कोयले से लदी ट्रेनों को अक्सर यात्री और मालगाड़ियों सहित अन्य ट्रेनों की आवाजाही के लिए कटनी में रोक दिया जाता है.
(पीटीआई-भाषा)