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त्रिपुरा हिंसा: अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता सीएम माणिक साहा से मिले - त्रिपुरा हिंसा

कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हुए कथित हमले को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का तीन सदस्यीय दल सोमवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से मिला.

त्रिपुरा हिंसा
Tripura violence
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Published : Jun 27, 2022, 5:45 PM IST

अगरतला: उपचुनाव के नतीजे 26 जून को घोषित होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हुए कथित हमले को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का तीन सदस्यीय दल वरिष्ठ सांसद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सोमवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से मिला.

त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के मीडिया प्रभारी आशीष कुमार साहा ने बताया कि दल ने टीपीसीसी के अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा से भी मुलाकात की, जो पार्टी और सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच यहां कांग्रेस मुख्यालय के सामने हुई झड़प में घायल हुए 19 लोगों में शामिल थे. चार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने तीन और कांग्रेस ने एक पर जीत हासिल की थी. मुख्यमंत्री माणिक साहा भाजपा के तीन विजयी उम्मीदवारों में से एक हैं.

आशीष ने कहा, 'भाजपा ने पूरे राज्य में आतंक मचा रखा है. खोवाई में पार्टी के जिला मुख्यालय और दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया उप संभाग में एक पार्टी कार्यालय को रविवार को आग के हवाले कर दिया गया.' माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने उपचुनाव की घोषणा के बाद से विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निंदा की. जितेंद्र ने कहा, 'उत्तरी त्रिपुरा के हाफलॉन्ग क्षेत्र में स्थित हमारे पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई. हमने सुना कि आईपीएफटी विधायक बृषकेतु देबबर्मा और अन्य नेताओं के वाहनों को खोवाई में रविवार को जला दिया गया.'

यह भी पढ़ें-त्रिपुरा हिंसा : SC ने आदेश के बावजूद नोटिस भेजने पर पुलिस को लगाई फटकार

हालांकि, सत्ताधारी भाजपा ने उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमला किया. भाजपा के प्रवक्ता सुब्रत चकवर्ती ने कहा कि रविवार को एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस ने ही अगरतला में हिंसा की शुरुआत की, ऐसे में हर व्यक्ति के पास आत्मरक्षा का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को हालात से निपटने के लिए सख्ती बरतने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कहा है.

(पीटीआई-भाषा)

अगरतला: उपचुनाव के नतीजे 26 जून को घोषित होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हुए कथित हमले को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का तीन सदस्यीय दल वरिष्ठ सांसद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सोमवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से मिला.

त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के मीडिया प्रभारी आशीष कुमार साहा ने बताया कि दल ने टीपीसीसी के अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा से भी मुलाकात की, जो पार्टी और सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच यहां कांग्रेस मुख्यालय के सामने हुई झड़प में घायल हुए 19 लोगों में शामिल थे. चार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने तीन और कांग्रेस ने एक पर जीत हासिल की थी. मुख्यमंत्री माणिक साहा भाजपा के तीन विजयी उम्मीदवारों में से एक हैं.

आशीष ने कहा, 'भाजपा ने पूरे राज्य में आतंक मचा रखा है. खोवाई में पार्टी के जिला मुख्यालय और दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया उप संभाग में एक पार्टी कार्यालय को रविवार को आग के हवाले कर दिया गया.' माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने उपचुनाव की घोषणा के बाद से विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निंदा की. जितेंद्र ने कहा, 'उत्तरी त्रिपुरा के हाफलॉन्ग क्षेत्र में स्थित हमारे पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई. हमने सुना कि आईपीएफटी विधायक बृषकेतु देबबर्मा और अन्य नेताओं के वाहनों को खोवाई में रविवार को जला दिया गया.'

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हालांकि, सत्ताधारी भाजपा ने उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमला किया. भाजपा के प्रवक्ता सुब्रत चकवर्ती ने कहा कि रविवार को एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस ने ही अगरतला में हिंसा की शुरुआत की, ऐसे में हर व्यक्ति के पास आत्मरक्षा का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को हालात से निपटने के लिए सख्ती बरतने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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