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देश के इस जिले में कराई जाती है 'भूतों की शादी' - मरे हुए लोगों की शादी दक्षिण कन्नड़

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक ऐसा क्षेत्र है जहां मृत युवक और युवतियों की शादी कराने की परंपरा है. यहां तुलुनाडु में लोग मानते हैं कि मरने के बाद भी लोग उनके साथ रहते हैं जिसके कारण वे इस परंपरा को आज भी निभा रहे हैं.

marriage of dead people karnataka
मरे हुए लोगों की शादी कर्नाटक
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Published : Jul 30, 2022, 11:09 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 11:27 PM IST

दक्षिण कन्नड़: भारत विभिन्न परंपराओं का देश है और यहां कुछ दूरी पर भाषा के साथ परंपरा भी बदल जाती है. ऐसी ही एक अनोखी परंपरा है कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के तुलुनाडु तटीय क्षेत्र में, जहां सालों से भूतों की शादी कराई जाती है. यहां लोगों का मानना है कि मरने के बाद भी लोग उनके साथ रहते हैं इसलिए वह मृत लोगों की भी शादी कराते हैं.

दरअसल, यहां के तुलु भाषा बोलने वाले लोग मानते हैं कि अगर किसी युवक या युवती की शादी से पहले मृत्यु हो जाती तो शादी की उम्र में उसकी भी शादी कराई जाए. इसलिए यहां के लोग आटी माह (अषाढ़) में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं और इस महीने में आटी अमावस्या को भूतों की शादी कराते हैं. इसके लिए वे एक-दो महीने पहले से ही अपने आसपास के क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार मृत युवक या युवती की खोज करते हैं और फिर दोनों परिवारों की सहमति के बाद दोनों की शादी कराते हैं.

यह भी पढ़ें- Bihar: यहां पूरा गांव पकड़ता है मछलियां, घर-घर होती है फ्री में सप्लाई, जानें क्यों?

तुलुवा परंपरा की इस शादी में सारी रस्में बिल्कुल असली शादी की तरह ही निभाई जाती हैं, केवल दूल्हा-दुल्हन जीवित नहीं रहते. इस शादी में परिवार के लोग दूल्हे के घर जाते हैं जहां चांदी या चावल के दो पुतलों को दूल्हा दुल्हन के रूप में आसन पर बिठाकर शादी कराई जाती है. इतना ही नहीं, सांकेतिक रूप से दूल्हे द्वारा दुल्हन को मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है. इसके बाद शादी में आए लोगों के लिए भोज का आयोजन किया जाता है. आटी महीने में निभाई जाने वाली परंपरा इसे एक अनोखी पहचान दिलाती है.

दक्षिण कन्नड़: भारत विभिन्न परंपराओं का देश है और यहां कुछ दूरी पर भाषा के साथ परंपरा भी बदल जाती है. ऐसी ही एक अनोखी परंपरा है कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के तुलुनाडु तटीय क्षेत्र में, जहां सालों से भूतों की शादी कराई जाती है. यहां लोगों का मानना है कि मरने के बाद भी लोग उनके साथ रहते हैं इसलिए वह मृत लोगों की भी शादी कराते हैं.

दरअसल, यहां के तुलु भाषा बोलने वाले लोग मानते हैं कि अगर किसी युवक या युवती की शादी से पहले मृत्यु हो जाती तो शादी की उम्र में उसकी भी शादी कराई जाए. इसलिए यहां के लोग आटी माह (अषाढ़) में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं और इस महीने में आटी अमावस्या को भूतों की शादी कराते हैं. इसके लिए वे एक-दो महीने पहले से ही अपने आसपास के क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार मृत युवक या युवती की खोज करते हैं और फिर दोनों परिवारों की सहमति के बाद दोनों की शादी कराते हैं.

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तुलुवा परंपरा की इस शादी में सारी रस्में बिल्कुल असली शादी की तरह ही निभाई जाती हैं, केवल दूल्हा-दुल्हन जीवित नहीं रहते. इस शादी में परिवार के लोग दूल्हे के घर जाते हैं जहां चांदी या चावल के दो पुतलों को दूल्हा दुल्हन के रूप में आसन पर बिठाकर शादी कराई जाती है. इतना ही नहीं, सांकेतिक रूप से दूल्हे द्वारा दुल्हन को मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है. इसके बाद शादी में आए लोगों के लिए भोज का आयोजन किया जाता है. आटी महीने में निभाई जाने वाली परंपरा इसे एक अनोखी पहचान दिलाती है.

Last Updated : Jul 30, 2022, 11:27 PM IST
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