ETV Bharat / bharat

चेन्नई में अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में तीन मरीजों ने तोड़ा दम

author img

By

Published : May 14, 2021, 4:14 AM IST

चेन्नई में तीन कोरोना पीड़ित मरीजों की मौत एंबुलेंस में ही हो गई. इन्हें सांस लेने की दिक्कत के बाद राजीव गांधी अस्पताल लाया गया था, लेकिन समय पर बेड न मिलने के कारण तीनों ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

राजीव गांधी अस्पताल
राजीव गांधी अस्पताल

चेन्नई: कोरोना के मामले तमिलनाडु में बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से हिल गई है. इस बीच चेन्नई के राजीव गांधी अस्पताल में इलाज के लिए आए तीन मरीजों की एंबुलेंस में ही मौत हो गई.

चेन्नई, चेंगलपेट, थिरुवल्लूर जिलों से सांस लेने की गंभीर समस्या से पीड़ित मरीजों को राजीव गांधी अस्पताल भेजा जा रहा है. अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल के पास एंबुलेंस के अंदर ही इंतजार करना पड़ता है. इसी के चलते सांस की समस्या वाले तीन मरीजों ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. इससे पहले भी चार मरीजों की मौत समय पर बेड न मिलने के कारण हो चुकी है. अब कुल मिलाकर सात मरीजों की मौत समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई है.

राजीव गांधी अस्पताल

निजी अस्पताल मरीजों को बुखार, सर्दी का इलाज कर रहे हैं, लेकिन अगर श्वास संबंधी समस्या है तो वह इलाज करने से मना कर रहे हैं, तुरंत मरीजों को सरकार अस्पताल भेज रहे हैं.

पढ़ें- कोरोना टीकाकरण पर सरकार की खिंचाई, हाईकोर्ट बोला- डायलर ट्यून 'परेशान करने वाला'

वहीं, चिकित्सा एवं लोक कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यम का कहना है कि कई बार गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस को रास्ता नहीं दे पाती है जिस कारण मरीजों की जान जा सकती है. उनका कहना है कि राजीव गांधी अस्पताल में 845 बेड हैं और अब सभी बेड मरीजों से भरे हुए हैं.

चेन्नई: कोरोना के मामले तमिलनाडु में बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से हिल गई है. इस बीच चेन्नई के राजीव गांधी अस्पताल में इलाज के लिए आए तीन मरीजों की एंबुलेंस में ही मौत हो गई.

चेन्नई, चेंगलपेट, थिरुवल्लूर जिलों से सांस लेने की गंभीर समस्या से पीड़ित मरीजों को राजीव गांधी अस्पताल भेजा जा रहा है. अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल के पास एंबुलेंस के अंदर ही इंतजार करना पड़ता है. इसी के चलते सांस की समस्या वाले तीन मरीजों ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. इससे पहले भी चार मरीजों की मौत समय पर बेड न मिलने के कारण हो चुकी है. अब कुल मिलाकर सात मरीजों की मौत समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई है.

राजीव गांधी अस्पताल

निजी अस्पताल मरीजों को बुखार, सर्दी का इलाज कर रहे हैं, लेकिन अगर श्वास संबंधी समस्या है तो वह इलाज करने से मना कर रहे हैं, तुरंत मरीजों को सरकार अस्पताल भेज रहे हैं.

पढ़ें- कोरोना टीकाकरण पर सरकार की खिंचाई, हाईकोर्ट बोला- डायलर ट्यून 'परेशान करने वाला'

वहीं, चिकित्सा एवं लोक कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यम का कहना है कि कई बार गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस को रास्ता नहीं दे पाती है जिस कारण मरीजों की जान जा सकती है. उनका कहना है कि राजीव गांधी अस्पताल में 845 बेड हैं और अब सभी बेड मरीजों से भरे हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.