गुवाहाटी : कॉटन कॉलेज के छात्र रहे युवक सरमा 22 साल के थे और युवती महज 17 साल की. जब युवती ने कहा कि वह उसके भविष्य के बारे में अपनी मां को क्या बताएगी तो युवक ने जवाब दिया था कि अपनी मां को बता दो, मैं एक दिन मुख्यमंत्री बनूंगा.
सरमा की पत्नी रिनिकी भुइयां बताती हैं कि उनके पति कॉलेज के समय से ही मुख्यमंत्री बनने को लेकर आश्वस्त थे. उन्होंने से बातचीत में बताया कि हिमंत छात्र जीवन से ही अपने लक्ष्य को लेकर एकनिष्ठ थे और जानते थे कि उनको भविष्य में क्या बनना है. उल्लेखनीय है कि सरमा ने सोमवार को असम के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
भुइयां ने बताया कि वह 22 साल के और मैं 17 साल की थी, तब हमारी पहली मुलाकात हुई थी. मैंने उनसे पूछा था कि मैं अपनी मां को उनके भविष्य के बारे में क्या बताऊंगी? तब उन्होंने जवाब दिया था कि उनसे कह दो कि मैं असम का मुख्यमंत्री बनूंगा.
उन्होंने बताया कि मैं भौंचक रह गई लेकिन बाद में महसूस हुआ कि जिस व्यक्ति से वह शादी करेंगी उसका राज्य को लेकर एक निश्चित लक्ष्य और सपना है, जो चट्टान की तरह प्रतिबद्धता भी दर्शाता है.
भुइयां ने कहा कि जब हमारी शादी हुई तब वे विधायक थे, उसके बाद वह मंत्री बने और फिर राजनीति में बढ़ते चले गए. लेकिन आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए देखकर मुझे विश्वास नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि कल रात हमारी बात हुई तो उन्होंने नामित मुख्यमंत्री का उल्लेख किया और जब मैंने पूछा कुन (कौन) तब उन्होंने जवाब दिया मुई (मैं). मेरे लिए वह हमेशा हिमंत रहे हैं और मैं उन्हें मुख्यमंत्री के साथ नहीं जोड़ सकती. इस शब्द से परिचित होने में कुछ समय लगेगा.
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सरमा की पत्नी मीडिया उद्यमी हैं और दंपति के दो बच्चे हैं. जिनमें 19 साल के नंदिल बिस्व सरमा और 17 साल की सुकन्या सरमा.