नई दिल्ली : गैर-सरकारी संगठन (NGO) टेलीकॉम वाचडॉग ने बिना लाइसेंस के देश के लोगों से उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा के लिए भुगतान स्वीकार करने को लेकर अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
एनजीओ ने 27 नवंबर को दूरसंचार सचिव को लिखे पत्र में दूरसंचार विभाग से मामले में कार्रवाई में देरी और पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ा अनुशासनात्मक कदम उठाने का भी आग्रह किया है.
इस बारे में फिलहाल दूरसंचार विभाग और स्टारलिंक से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
टेलीकॉम वाचडॉग ने 29 सितंबर को दूरसंचार विभाग के पास स्टारलिंक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि अमेरिकी कंपनी भारतीय उपभोक्ताओं से ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के वादे के साथ अवैध रूप से धन एकत्र कर रही है, जबकि उसके पास इसके लिए कोई लाइसेंस नहीं है.
दूरसंचार विभाग ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्टारलिंक के पास उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाओं के लिए लाइसेंस नहीं है और उसने लोगों से कंपनी की सेवा लेने से मना किया था.
विभाग ने स्टारलिंक से उपग्रह आधारित संचार सेवाओं के लिये नियामकीय रूपरेखा का अनुपालन करने और तत्काल प्रभाव से भारत में बुकिंग/इंटरनेट सेवा देने से बचने को कहा था.
एनजीओ ने दूरसंचार सचिव को लिखे पत्र में कंपनी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है. साथ ही पूरे मामले की केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से जांच कराने का आग्रह किया कि आखिर कैसे स्टारलिंक फरवरी, 2020 से प्री-बुकिंग शुरू कर सकती है जबकि दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने कुछ भी नहीं किया.
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उसने कहा, दूरसंचार विभाग ने निर्देश जारी करने में 58 दिन का समय लिया जबकि यह कुछ घंटे में किया जा सकता था. इस दौरान कई लोग धोखाधड़ी के शिकार हुए.'
एनजीओ के अनुसार, स्टारलिंक के प्रबंध निदेशक के बयान के अनुसार कंपनी ने 5,000 ग्राहकों से 99-99 डॉलर लिए.
(पीटीआई-भाषा)