हैदराबाद : तेलंगाना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को यहां अपना एक कार्यालय बनाने के लिए भूमि आवंटित किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. एक सेवानिवृत्त कर्मचारी महेश्वर राज ने एक जनहित याचिका दायर कर टीआरएस को हैदराबाद जिला इकाई कार्यालय के निर्माण के लिए बंजारा हिल्स जैसे पॉश इलाके में 4935 वर्ग गज सरकारी जमीन के आवंटन को चुनौती दी है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि टीआरएस को महंगी जमीन मात्र 100 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से आवंटित की गई थी. भूमि का आवंटन पूर्व के सरकारी आदेश के आधार पर किया गया है, जिसके तहत राजनीतिक दलों को पट्टे के आधार पर भूमि आवंटित करने की नीति बनायी गई है.
हालांकि, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि टीआरएस को भूमि का आवंटन केवल 100 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से किया गया. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव, मुख्य भूमि आवंटन आयुक्त, राजस्व विभाग के प्रधान सचिव, हैदराबाद जिला कलेक्टर और टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव और महासचिव एम. श्रीनिवास रेड्डी के जरिये पार्टी को नोटिस जारी किये. अदालत ने इन सभी को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए चार सप्ताह के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले महीने बंजारा हिल्स के एनबीटी नगर के रोड नंबर 12 पर पार्टी के हैदराबाद कार्यालय के निर्माण के लिए टीआरएस को एक एकड़ से थोड़ा अधिक का भूखंड आवंटित किया था. यह विपक्षी दलों की तीखी आलोचना के तहत आया, जो दावा करते हैं कि जमीन का मूल्य 100 करोड़ रुपये हो सकता है. कांग्रेस पार्टी ने भूमि आवंटन को दिनदहाड़े लूट बताया था. इसके नेताओं ने आवंटन पर सवाल उठाया जब टीआरएस का पहले से ही इसी क्षेत्र में बड़ा कार्यालय है. वे टीआरएस के राज्य मुख्यालय तेलंगाना भवन की बात कर रहे थे. 2006 में उद्घाटन किया गया, यह शानदार कार्यालय 40,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रवक्ता दासोजू श्रवण ने आवंटन को सरकारी मशीनरी के अपवित्र समर्थन के साथ मूल्यवान सार्वजनिक भूमि की लूट करार दिया. भाजपा ने महंगी जमीन को मामूली कीमत पर आवंटित करने की भी आलोचना की. इसके नेताओं ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की सत्ताधारी पार्टी के साथ मिलीभगत है.