टिहरी : चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद उत्तराखंड सरकार अलर्ट मोड पर है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने अपने क्षेत्रों में अलर्ट रहें और आपदा से निपटने वाली टीम को तैयार रखें. वहीं, एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध से पानी रोकने के लिए भी मुख्यमंत्री ने टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं.
चमोली आपदा को लेकर टिहरी जिले के अंतर्गत देवप्रयाग और ऋषिकेश के बीच नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए हैं. सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है.
टिहरी बांध परियोजना के निदेशक बीके बडोनी ने बताया कि चमोली में ग्लेशियर फटने की घटना को देखते हुए टिहरी बांध का पानी 12 बजे दिन से ही रोक दिया गया है. इसके पीछे वजह ये है कि देवप्रयाग में डैम का पानी अलकनंदा नदी में अगर मिला तो पानी का प्रवाह और तेज हो सकता है. टिहरी डैम बंद होने से डैम की चारो टरबाइन बंद कर दी गईं हैं, जिससे बिजली उत्पादन भी बंद है.
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एशिया का सबसे बड़ा बांध है 'टिहरी बांध'
बता दें कि टिहरी बांध एशिया का सबसे बड़ा बांध है. यह डैम भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बना है. टिहरी डैम से निकलने वाला पानी देवप्रयाग पहुंचता है. देवप्रयाग में चमोली से बहने वाली अलकनंदा नदी मिलती है. देवप्रयाग से गंगा बनती है और गंगा का पानी ऋषिकेश पहुंच कर हरिद्वार पहुंचता है.