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'तमिलनाडु का पहला कृषि बजट दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों को समर्पित'

तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एमआरके पनीरसेल्वम के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल 34,220.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

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Published : Aug 14, 2021, 4:25 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एमआरके पनीरसेल्वम ने शनिवार को कृषि के लिए राज्य का पहला बजट पेश करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्पित है. मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार ने घोषणा की थी कि सरकार पहले कृषि के लिए एक अलग बजट पेश करेगी.

यह पहली बार है जब कृषि क्षेत्र के लिए अलग बजट पेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, 'कृषि भूमि को अचल संपत्ति में बदलने के कारण फसली क्षेत्र में कमी, मिट्टी के पोषण में कमी, अति-शोषण के कारण जल संसाधनों में गिरावट, खेती करने के लिए युवाओं की अनिच्छा, खेती के लिए पारिश्रमिक मूल्य से वंचित, कृषि उपज, खेती की बढ़ी हुई लागत, फसल के बाद का नुकसान, आदि की चुनौतियां हैं. किसान एटलस जैसी कृषि में इन कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.'

पढ़ेंः बीजेपी के पोस्टर पर बोले टिकैत- लखनऊ भी आऊंगा और तारीख भी बताऊंगा

पन्नीरसेल्वम के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल 34,220.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर और बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. नवंबर 2020 से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार तीन कृषि कानूनों को रद्द करे. किसान और सरकार के बीच कई वार्ताएं हो चुकी हैं. लेकिन वार्ताओं का कोई हल नहीं निकला है.


(आईएएनएस)

चेन्नई : तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एमआरके पनीरसेल्वम ने शनिवार को कृषि के लिए राज्य का पहला बजट पेश करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्पित है. मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार ने घोषणा की थी कि सरकार पहले कृषि के लिए एक अलग बजट पेश करेगी.

यह पहली बार है जब कृषि क्षेत्र के लिए अलग बजट पेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, 'कृषि भूमि को अचल संपत्ति में बदलने के कारण फसली क्षेत्र में कमी, मिट्टी के पोषण में कमी, अति-शोषण के कारण जल संसाधनों में गिरावट, खेती करने के लिए युवाओं की अनिच्छा, खेती के लिए पारिश्रमिक मूल्य से वंचित, कृषि उपज, खेती की बढ़ी हुई लागत, फसल के बाद का नुकसान, आदि की चुनौतियां हैं. किसान एटलस जैसी कृषि में इन कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.'

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पन्नीरसेल्वम के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल 34,220.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर और बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. नवंबर 2020 से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार तीन कृषि कानूनों को रद्द करे. किसान और सरकार के बीच कई वार्ताएं हो चुकी हैं. लेकिन वार्ताओं का कोई हल नहीं निकला है.


(आईएएनएस)

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