नई दिल्ली: तलिबान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अफगान हवाई क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन के इस्तेमाल पर उन्हें परिणाम भुगतने होंगे. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Taliban spokesperson Zabihullah Mujahid) ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत देश अपने राज्य क्षेत्रीय और हवाई संप्रभुता के एकमात्र मालिक हैं.
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका तालिबान से की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर रहा था, जो दोहा, कतर में हुई वार्ता के दौरान की गई थी. बयान में कहा गया है कि हमने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका को दोहा, कतर में इस्लामिक अमीरात के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय अधिकारों, कानून और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करते हुए देखा, क्योंकि अफगानिस्तान के पवित्र हवाई क्षेत्रों पर अमेरिकी ड्रोन से हमला किया जा रहा है इन उल्लंघनों को रोका जाना चाहिए.
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इसके अलावा, तालिबान ने सभी देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से अफगानिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय अधिकारों, कानूनों और प्रतिबद्धताओं के आलोक में व्यवहार करने और किसी भी नकारात्मक परिणामों को रोकने के लिए आपसी सम्मान और प्रतिबद्धताओं पर विचार करने का आह्वान किया.
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बता दें, अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के अधिग्रहण के बाद दुनिया अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर तबाही देख रही है.
अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद, अमेरिका ने आईएस-खोरासान (IS-Khorasan) समूह को निशाना बनाने के लिए अफगानिस्तान में दो ड्रोन हमले किए हैं, जो 26 अगस्त को हुए भीषण काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले (Kabul airport suicide attack) के लिए जिम्मेदार था, जिसमें 13 अमेरिकी सैन्यकर्मी सहित कम से कम 200 लोग मारे गए थे.
इस बीच, सोमवार को अमेरिका के शीर्ष जनरलों ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को पूर्ण वापसी के खिलाफ सलाह व सुझाव दिया था कि 2500 अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में वापस रखा जाए. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस प्रेसिडेंट बाइडेन ने इस तरह की सलाह लेने से इनकार कर दिया है.